
Ahmedabad. शहर के एक व्यक्ति को मल्टीपल क्लस्टर ट्रेडिंग करने पर अच्छे मुनाफे का झांसा देकर 1.84 करोड़ रुपए की ऑनलाइन चपत लगाने के मामले में एक और आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ गया। यह ठग गिरोह का मुख्य एजेंट है। इसे अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने मध्यप्रदेश के भोपाल से पकड़ा है। इस मामले में चार आरोपियों की पहले गिरफ्तारी हो चुकी है।पकड़े गए आरोपी का नाम नीरज यादव है। यह म.प्र.के भोपाल शहर में ईदगाह हिल्स के पास गोयल अपार्टमेंट में रहता है। मूलरूप से विदिशा जिले की बासोदा तहसील के रामनगर वार्ड नंबर एक का निवासी है। इलेक्टि्रकल इंजीनियर की पढ़ाई की है।
आरोपी नीरज डेढ़ साल से अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग चाइनीज गिरोह के संपर्क में है। इसने पहले अपना बैंक अकाउंट गेमिंग एप के लिए टेलीग्राम यूजर डीबडी को दिया था। उसमें इसे अच्छा कमीशन मिला। लालच बढ़ा और यह गिरोह से जुड़ गया। चाइनीज गिरोह के लिए यह भारत में गेट कीपर का काम करता था। डेढ़ साल में इसने कमीशन के रूप में 68 लाख रुपए पाए हैं।
साइबर क्राइम ब्रांच ने कुछ दिन पहले इस मामले में चार आरोपियों को पकड़ा था। उनमें जूनागढ़ निवासी भावना माणेक, राजकोट निवासी दीपक गंगदेव, धार्मिक लाडवा और अंकित पोंकिया शामिल हैं। ठगी गई 1.84 करोड़ में से 42.50 लाख रुपए की राशि भावना के जलाराम ट्रेडर्स नाम के बैंक अकाउंट में जमा हुई थी। इस अकाउंट की डिटेल उसने दीपक गंगदेव को दी, दीपक ने धार्मिक लाडवा को दी और धार्मिक ने अंकित को बताई। अंकित नीरज के संपर्क में था। जिससे उसने धार्मिक की मुलाकात नीरज से कराई। नीरज ने धार्मिक को बैंक की किट के साथ पूणे बुलाया। वहां चार से पांच दिन होटल में ठहराया और किट ले ली। इस खाते में करीब 15 दिनों में इस 42.50 लाख सहित तीन करोड़ 17 लाख जमा हुए। नीरज बैंक अकाउंट देने वालों को पांच फीसदी कमीशन देता था।
साइबर क्राइम ब्रांच पीआई व जांच अधिकारी डी वी बारवाडिया ने बताया कि नीरज की पूछताछ में उसके 14 बैंक अकाउंट का पता चला है। उनके विरुद्ध साइबर क्राइम और ठगी की 364 शिकायतें दर्ज हैं। यह बैंक खाता फ्रीज न हो तब तक पैसे ट्रांसफर करता। खाता धारकों को पूणे, भोपाल, इंदौर की होटलों में साथ में रखता था।
Published on:
16 Nov 2025 10:37 pm
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