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गुजरात में निजी कोचिंग सेंटर, ट्यूशन क्लास को लेकर बनेगा कानून, 8 सदस्यीय समिति का गठन

-शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा, समिति में बढ़ाए जा सकेंगे आमंत्रित सदस्य, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत गठन

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Ahmedabad. शहर के साथ गुजरात भर में जगह-जगह चल रहे निजी कोचिंग सेंटर व ट्यूशन क्लासेज के संचालन को अब कानून के दायरे में लाने की दिशा में राज्य सरकार ने कदम बढ़ाया है। इसके लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गठित यह समिति निजी कोचिंग सेंटर, ट्यूशन क्लास संचालन के कानून और उसके लिए जरूरी नियमों का प्रारूप तैयार करेगी। उसके आधार पर राज्य सरकार कानून बनाएगी।

जीएसईबी अध्यक्ष होंगे समिति के अध्यक्ष

राज्य सरकार की ओर से 22 सितंबर को गठित इस समिति में आठ सदस्य हैं। गुजरात माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (जीएसईबी) के अध्यक्ष को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। राज्य स्कूलों के आयुक्त कार्यालय के निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग के उप सचिव, तकनीकी शिक्षा विभाग के उप सचिव, माध्यमिक शिक्षा विभाग के उप सचिव और गुजरात शिक्षा एवं अनुसंधान परिषद (जीसीईआरटी) के निदेशक को इसका सदस्य बनाया गया है। जीएसईबी के सचिव समिति के सदस्य सचिव नियुक्त किए गए हैं। समिति का मुख्यालय जीएसईबी कार्यालय एवं अध्यक्ष तय करें वह रहेगा। समिति को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत निजी कोचिंग सेंटर व ट्यूशन क्लास के लिए कानून और नियम का प्रारूप समय सीमा में तैयार करना होगा।

विशेषज्ञों को आमंत्रित सदस्य बनाने की छूट

पानशेरिया ने बताया कि राज्य सरकार ने 19 सितंबर को ही इस समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी। इसके तहत समिति को यदि लगता है तो वह अन्य विषयों के विशेषज्ञ, अन्य विभागों के सरकारी अधिकारी को आमंत्रित सदस्य के रूप में इस समिति का हिस्सा बना सकती है।0000

विरोधी दल के नेता, कोचिंग फेडरेशन के सदस्य भी हों शामिल

गुजरात प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता हेमांग रावल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते देर से जागी गुजरात सरकार ने यह समिति गठित की है। उनका आरोप है कि स्कूल के शिक्षकों की ओर निजी ट्यूशन क्लास चलाए जा रहे हैं। राज्य में डे स्कूल, कॉन्सेप्ट स्कूल व डमी स्कूल को खत्म करने को भी समिति के मुख्य मुद्दों में शामिल करना चाहिए। उन्होंने इस समिति में विरोधी दल के नेता और कोचिंग फेडरेशन के शिक्षाविद को भी सदस्य के रूप में नियुक्त करने की मांग की।