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गुजरात में एड्स प्रिवेलेंस दर राष्ट्रीय औसत से कम है। राज्य में फिलहाल 89 हजार ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) पॉजिटिव मरीज एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्रों पर नि:शुल्क उपचार पा रहे हैं।
राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) और गुजरात स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (जीएसएसीएस) के सहयोग से लागू राष्ट्रीय एड्स एवं यौन संचारित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएसीपी) फेज-5 के तहत राज्य में व्यापक कदम उठाए गए हैं। देश में एड्स की प्रिवेलेंस दर 0.20 प्रतिशत है, जबकि गुजरात में यह 0.18 प्रतिशत दर्ज की गई है। अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा, भावनगर और जामनगर राज्य के हाई प्रायोरिटी वाले जिले हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में 95 गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) हाई रिस्क ग्रुप (एचआरजी) और कोर एवं ब्रिज जनसंख्या को जोड़ने में सक्रिय हैं। इस दौरान 32,444 महिला सेक्स वर्कर (एफएसडब्ल्यू), 30,988 पुरुष समलैंगिक (एमएसएम), 1,905 ट्रांसजेंडर (टीजी), 1,027 इंजेक्टिंग ड्रग यूजर्स (आईडीयू), 2.66 लाख नए प्रवासी और 2.64 लाख ट्रक चालकों का पंजीकरण हुआ। ग्रामीण क्षेत्रों में बिखरे एचआरजी को सेवाओं से जोड़ने के लिए 16 जिलों में 11 लिंक वर्कर स्कीम (एलडब्ल्यूएस) परियोजनाएं चल रही हैं।
राज्य में 261 स्टैंड अलोन इंटीग्रेटेड काउंसलिंग एंड टेस्टिंग सेंटर (आईसीटीसी) और 2400 से अधिक फैसिलिटी इंटीग्रेटेड (आईसीटीसी) कार्यरत हैं। वर्ष 2023-24 में 17.45 लाख सामान्य लोगों की एचआईवी जांच की गई, जिनमें से 7,655 (0.44 फीसदी ) पॉजिटिव पाए गए। पेरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन (पीपीटीसीटी) कार्यक्रम के तहत 16.33 लाख गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिनमें 563 (0.03 फीसदी ) पॉजिटिव मिलीं। यौन संचारित रोग नियंत्रण के लिए 60 सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन क्लीनिक कार्यरत हैं, इनमें 1,93,541 मरीजों ने सेवाएं लीं और 1,03,904 का उपचार हुआ। राज्य के 48 एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) केंद्रों में अब तक 1.59 लाख मरीज पंजीकृत हुए, जिनमें से 1.37 लाख ने उपचार शुरू किया।
गुजरात स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. कार्तिक शाह के अनुसार गुजरात में एचआईवी की रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। इसके चलते राज्य में प्रिवेलेंस दर राष्ट्रीय औसत से कम है। अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और अन्य हाई प्रायोरिटी जिलों में रखे हैं। इन पर विशेष ध्यान देकर मरीजों तक सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं। कोई मरीज उपचार से वंचित न रहे और समाज में एचआईवी पॉजिटिव लोगों को सम्मानजनक जीवन मिले इस पर जोर है। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
Published on:
30 Nov 2025 11:10 pm
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