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प्रांतिज में 14 करोड़ से निर्मित तहसील न्याय मंदिर का लोकार्पण

हम भगवान के मंदिर और न्याय के मंदिर में करते हैं न्याय की तलाश : ऋषिकेश हिम्मतनगर. साबरकांठा जिले की प्रांतिज तहसील में 14.59 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित तहसील न्याय मंदिर का लोकार्पण कानून एवं न्याय मंत्री ऋषिकेश पटेल और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत प्रच्छक की उपस्थिति में किया गया।मंत्री पटेल […]

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हम भगवान के मंदिर और न्याय के मंदिर में करते हैं न्याय की तलाश : ऋषिकेश

हिम्मतनगर. साबरकांठा जिले की प्रांतिज तहसील में 14.59 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित तहसील न्याय मंदिर का लोकार्पण कानून एवं न्याय मंत्री ऋषिकेश पटेल और गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत प्रच्छक की उपस्थिति में किया गया।
मंत्री पटेल ने कहा कि न्याय प्रशासन के सुचारू संचालन के लिए गुजरात की सभी तहसीलों में तहसील न्यायालय के सुविधायुक्त भवन तैयार किए जा रहे हैं। नागरिकों को शीघ्र न्याय मिले और उन्हें सच्चा न्याय मिले, यह अत्यंत आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि न्यायाधीश का पद ईश्वर के समान होता है। हम न्याय की तलाश दो जगहों पर करते हैं, एक भगवान के मंदिर में और दूसरा न्याय के मंदिर में। अब मंदिर की परिभाषा बदल रही है, भगवान का मंदिर तो मंदिर है ही, लेकिन हम न्याय के इस परिसर को भी मंदिर मानते हैं। सरस्वती का मंदिर और अब स्वास्थ्य केंद्रों को भी मंदिर का दर्जा दिया गया है। न्यायाधीश और वकील मानवीय संवेदना के साथ लोगों को न्याय दें, यह स्वागत योग्य है। अपराधियों के मन में भय का माहौल बनाना भी ज़रूरी है। सरकार ने भी इस बात का ध्यान रखा है कि लोगों का समय और पैसा बर्बाद न हो।

न्याय का स्वरूप नहीं, बल्कि भावना अत्यंत महत्वपूर्ण

इस अवसर पर गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंत प्रच्छक ने कहा कि जहां धर्म है, वहां विजय है। सर्वोच्च न्यायालय का मुख्य उद्देश्य अंतिम व्यक्ति तक न्याय पहुंचाना है। न्याय का स्वरूप नहीं, बल्कि न्याय की भावना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर साबरकांठा जिला न्यायालय के न्यायाधीश के.आर. रबारी, प्रांतिज न्यायालय के न्यायाधीश बी.आर. सोलंकी आदि उपस्थित थे।