
Ajmer sports fund scam (Patrika File Photo)
अजमेर: न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 की अदालत ने राजस्थान पुलिस की रानी हाड़ी बटालियन के तत्कालीन डिप्टी कमांडेंट समेत चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन पर 2015 में आयोजित खेल प्रतियोगिता के दौरान जलपान के फंड में गड़बड़ी करने का आरोप है।
अदालत ने अजमेर के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया है कि सभी आरोपियों को 11 अक्टूबर को अदालत में पेश किया जाए। साथ ही अजमेर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक को निर्देश दिया गया है कि अलवर गेट थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करें, क्योंकि उन्होंने इस मामले की जांच ठीक से नहीं की।
यह मामला राजेंद्र सिंह नामक व्यक्ति की शिकायत पर अलवर गेट थाने में दर्ज हुआ था। पुलिस ने जांच के बाद रिपोर्ट झूठी बताते हुए मामला बंद कर दिया था। लेकिन अदालत ने रिपोर्ट को खारिज करते हुए आरोपियों के खिलाफ संज्ञान लिया और गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया।
अदालत के रिकॉर्ड के अनुसार, 2015 में रेंज स्तर की पुलिस बटालियन खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस आयोजन के लिए केंद्र सरकार से 1.10 लाख रुपये और अजमेर विकास प्राधिकरण (एडीए) से 39,175 रुपये का फंड मिला था।
आरोप है कि अधिकारियों ने इस राशि में हेराफेरी कर फर्जी बिल तैयार किए। जलपान के लिए 4,800 रुपये का बिल एक ऐसे दुकान के नाम से लगाया गया, जो वास्तव में मौजूद ही नहीं थी।
आरोपियों में उस समय की डिप्टी कमांडेंट यशस्विनी राजोरिया शामिल हैं, जो वर्तमान में पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात हैं। अन्य आरोपियों में घनश्याम वर्मा, जो इस समय बूंदी में डिप्टी एसपी हैं, तथा हेड कांस्टेबल पूजा तनवार और गोविंद सिंह के नाम शामिल हैं।
अदालत ने यह भी पाया कि खेलकूद किट की खरीद में भी गड़बड़ी की गई थी। मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल ने आदेश दिया है कि सभी आरोपी अदालत में पेश किए जाएं। रानी हाड़ी बटालियन का मुख्यालय अजमेर में स्थित है।
Published on:
09 Oct 2025 01:28 pm
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