
अंजू सैनी: फोटो पत्रिका नेटवर्क
अजमेर। दसवीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर डाक विभाग की जीडीएस भर्ती में चयनित महिला अभ्यर्थी उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सदर कोतवाली थाने में एक साल से लम्बित प्रकरण में हाजिर हुई। पुलिस ने आरोपी महिला को प्रकरण में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। जहां से उसको न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
थानाप्रभारी धर्मवीरसिंह ने बताया कि जनवरी 2024 में दर्ज कूटरचित दस्तावेज से धोखाधड़ी के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश की पालना में 7 अक्टूबर को कोटपुतली, बहरोड़ बर्डोद निवासी अंजू सैनी पत्नी संजय सैनी थाने में उपस्थित हुई। पुलिस ने प्रकरण में फरार चल रही अंजू को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
जहां से उसको न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए। उच्चतम न्यायालय ने 25 अगस्त 2025 को अंजू को 4 सप्ताह में प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी के समक्ष पेश होने के आदेश दिए। आदेश की पालना में अंजू 7 अक्टूबर को अपने अधिवक्ता के साथ पेश हुई। जहां पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार मुख्य डाकघर अजमेर के जन सम्पर्क निरीक्षक अनुपम राठौड़ ने जनवरी 2024 में रिपोर्ट दी कि अलवर के बहरोड बर्डोद निवासी अंजू सैनी पत्नी संजय सैनी ने 10वीं की फर्जी अंकतालिका के आधार पर डाक विभाग की जीडीएस भर्ती 2023-अनुसूची जुलाई द्वितीय 2023 में आवेदन किया। राजस्थान परिमंडल के चुने गए अभ्यर्थियों की प्रथम सूची में अंजू सैनी की सहायक शाखा पोस्टमास्टर बरना के पद पर नियुक्ति हुई। नियुक्ति प्रकरण के प्रथम चरण के दस्तावेज सत्यापन के लिए अंजू 15 सितम्बर 2023 को उपस्थित हुई।
अंजू ने भारतीय विद्यालय प्रमाणपत्र परीक्षा परिषद, नई दिल्ली बोर्ड की ओर से जारी 10वीं की मार्कशीट की फोटोप्रति पेश की। डाक विभाग ने सत्यापन के लिए उसे दिल्ली बोर्ड में भेजा। दिल्ली बोर्ड ने 26 अक्टूबर 2023 को भेजे गए पत्र के जवाब में 11 दिसम्बर 023 को स्पीड पोस्ट के माध्यम से सूचना दी कि अभ्यर्थी की अंकतालिका बोर्ड की ओर से जारी नहीं की गई है। बोर्ड के सक्षम अधिकारी ने मार्कशीट को झूठी करार दिया। रिपोर्ट पर सदर कोतवाली थाना पुलिस ने कूटरचित दस्तावेज से नौकरी हासिल करने का प्रयास का मुकदमा दर्ज किया।
Published on:
09 Oct 2025 02:25 pm
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