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Rajasthan : तेज रफ्तार डंपर ने ज्वैलर को मारी टक्कर, 200 मीटर तक घसीटता ले गया, मैरिज एनिवर्सरी के दिन हुई दर्दनाक मौत

Rajasthan : अलवर के कोटपूतली-बहरोड़ हाईवे एक दिल दहला देने वाली दुर्घटना का गवाह बना। सड़क किनारे अपनी कार के पास खड़े दिल्ली के ज्वालापुरी निवासी ज्वैलर गौरव वर्मा को तेज रफ्तार डंपर ने जोरदार टक्कर मारी। इस टक्कर के बाद गौरव की मौके पर दर्दनाक मौत हो गई।

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Alwar Kotputli-Behror Highway high speed dumper crushed jeweler Gaurav Verma 200 meters dragging Marriage anniversary day painful death

मृतक और उसकी पत्नी की फ़ोटो। फोटो पत्रिका

Rajasthan : अलवर के कोटपूतली-बहरोड़ हाईवे गुरुवार देर रात एक दिल दहला देने वाली दुर्घटना का गवाह बना। दिल्ली के ज्वालापुरी निवासी ज्वैलर गौरव वर्मा अपनी शादी की 15वीं सालगिरह से बस कुछ घंटे दूर थे। घर में जश्न की तैयारी थी, पत्नी ने सोशल मीडिया पर शुभकामना पोस्ट की थी, लेकिन किस्मत ने ऐसा क्रूर मोड़ लिया कि वही पोस्ट अब परिवार की आखिरी निशानी बन गई।

गौरव अपने तीन दोस्तों राहुल, शालू और रविंद्र के साथ बहरोड़ में एक शादी समारोह से लौट रहे थे। रात लगभग ढाई बजे ट्रक यूनियन के पास उनकी कार सड़क किनारे खड़ी थी। दोस्त थोड़ी देर के लिए नीचे उतरे और गौरव कार के पास ही खड़े थे। तभी पीछे से आया पत्थरों से भरा तेज रफ्तार डंपर कार को जोरदार टक्कर मारते हुए सीधे गौरव को चपेट में ले गया।

टक्कर इतनी भीषण थी कि गौरव डंपर के टायरों में फंस गए और चालक उन्हें करीब 200 मीटर तक घसीटता हुआ हाउसिंग सोसायटी तक ले गया। वहीं उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हाईवे से गुजर रहे वाहन चालकों और मृतक के दोस्तों के अनुसार, डंपर ओवरलोड था और चालक बेहद लापरवाही से तेज रफ्तार में गाड़ी चला रहा था।

डंपर के पीछे नहीं थी नंबर प्लेट

अन्य वाहन चालकों ने हिम्मत दिखाते हुए अपने वाहन आगे लगाकर डंपर को रुकवाया। चालक की पहचान तालीम खान निवासी टपूकड़ा (भिवाड़ी) के रूप में हुई। पुलिस ने उसे शांतिभंग में गिरफ्तार कर डंपर को जब्त कर लिया। वाहन ओवरलोड था और पीछे नंबर प्लेट नहीं थी, जबकि आगे एचआर-47-ई-121 लिखा था।

कोतवाली थाना एएसआइ दलीप सिंह के अनुसार, चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

पत्रिका प्रश्न : कितने बच्चे अनाथ होंगे!

गौरव वर्मा की मौत केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि उन लापरवाह ओवरलोड ट्रकों, डंपरों और बेपरवाह चालकों पर बड़ा सवाल है, जो हाईवे को मौत का मैदान बना चुके हैं। कितने घर उजड़े, कितनी माताएं रोएं, कितने बच्चे अनाथ हों, तब जागेगा सिस्टम?

बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

गौरव के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उनके 10 और 12 वर्ष के दो बेटे हैं। पत्नी को शादी सालगिरह की पोस्ट हादसे के कुछ ही समय पहले की है, जो अब परिवार के लिए एक दर्दनाक स्मृति बन गई है। परिजन और मित्र बदहवास हैं, रो-रोकर बुरा हाल है।