7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिला परिषद पुनर्गठन: खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ में बनेगी नई जिला परिषद

अलवर जिले में प्रशासनिक ढांचे को नया स्वरूप देने की दिशा में बड़ा बदलाव किया गया है। राज्य सरकार ने अलवर जिला परिषद का पुनर्गठन करते हुए खैरथल-तिजारा तथा कोटपूतली-बहरोड़ में नई जिला परिषदों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है।

2 min read
Google source verification

अलवर जिले में प्रशासनिक ढांचे को नया स्वरूप देने की दिशा में बड़ा बदलाव किया गया है। राज्य सरकार ने अलवर जिला परिषद का पुनर्गठन करते हुए खैरथल-तिजारा तथा कोटपूतली-बहरोड़ में नई जिला परिषदों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना में साफ किया गया है कि जिला परिषद अलवर का वर्तमान स्वरूप तब तक बना रहेगा, जब तक खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़ और पुनर्गठित अलवर जिला परिषद का कार्यकाल प्रारंभ होगा। पंचायतीराज विभाग के शासन सचिव डॉ. जोगाराम की ओर से राजस्थान पंचायती राज अधिनियम के तहत दोनों जिला परिषद गठित की गई है।

यह होगा दोनों नई जिला परिषद का क्षेत्राधिकार

खैरथल-तिजारा और कोटपूतली-बहरोड़ जिला परिषद का क्षेत्राधिकार राजस्व विभाग की संबंधित अधिसूचनाओं में वर्णित समस्त ग्रामीण क्षेत्रों में होगा। इसमें नगर निगम, नगर पालिका व नगर परिषद जैसे सभी नगरीय क्षेत्रों को बाहर रखा गया है।

लंबे समय से उठ रही थी मांग

दोनों जिलों के लोग व पार्षद लंबे समय से जिला परिषद के गठन की मांग उठा रहे हैं। हालांकि सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन की तरफ बढ़ रही है, ऐसे में चुनाव में थोड़ा समय लगेगा। हालांकि नई जिला परिषदों के गठन से स्थानीय स्तर पर पंचायतीराज व्यवस्था और मजबूत होगी व विकास कार्यां में तेजी आने की उम्मीद है।

पार्षदों को लगानी पड़ रही दौड़

अभी जिला परिषद अलवर में ही दोनों जिले समाहित हैं। इन जिलों में एसीईओ को बैठाया गया है, लेकिन सीईओ जिला परिषद के अंडर में ही ये अधिकारी आते हैं। यही नहीं साधारण सभा भी अलवर में होती है। ऐसे में पार्षदों को लंबी दौड़ लगानी पड़ती है। अलवर से मंजूरी के चक्कर में काम शुरू होने में समय भी लगता है।

इस गठन के साथ ही जिला परिषद जयपुर और जिला परिषद अलवर के मौजूदा क्षेत्राधिकार से वे हिस्से अलग कर दिए गए हैं, जो अब नई जिला परिषद कोटपूतली-बहरोड़ व खैरथल-तिजारा में शामिल हो गए हैं।