
भानगढ़ किला। सभी फोटो: अनिल प्रजापत
Bhangarh Fort: राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला देश की सबसे रहस्यमयी ऐतिहासिक धरोहरों में गिना जाता है। सरिस्का अभयारण्य से 50 किलोमीटर दूर स्थित भानगढ़ किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा माधो सिंह ने करवाया था। माधो सिंह की मृत्यु के बाद उनका बेटा छत्र सिंह गद्दी पर बैठा था। फिर विक्रम संवत 1722 में इसी वंश के हरिसिंह ने राजपाट संभाला, जिसके बाद इस राज्य का पतन शुरू हुआ।
छत्र सिंह का एक बेटा था अजब सिंह, जिसने भानगढ़ के पास ही अजबगढ़ बनवाया और वहीं रहने लगा। भूतिया होने के साथ ही भानगढ़ किला अपने शांत वातावरण, सुरम्य अरावली पर्वतमाला और अपनी अद्भुत स्थापत्य कला के कारण जाना जाता है। यही वजह है कि यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते है। आइए जानें भानगढ़ किले से जुड़े 10 चौंकाने वाले तथ्य, जो इसकी रहस्यमयी छवि को और गहराई से उजागर करते हैं।
1. भानगढ़ किला जयपुर से करीब 83 किलोमीटर और अलवर से करीब 91 किलोमीटर दूर स्थित है। हर महीने यहां 50 हजार सैलानी आते हैं। भारतीयों के लिए यहां का टिकट 25 रुपए है। भानगढ़ किला ऐतिहासिक महत्व रखने वाला पर्यटन केंद्र है फिर भी इसके आसपास कोई नहीं रहता। नजदीकी गांव गोला का बास है, जिसकी दूरी भानगढ़ किले से साढ़े तीन किलोमीटर है।
2. भानगढ़ को भूतिया किला भी कहा जाता है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने किले के बाहर एक बोर्ड लगा रखा है, जिसमें लिखा है सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले प्रवेश निषेध है। कहा जाता है कि जो भी रात में भानगढ़ किले में गया है, वो कभी लौटकर नहीं आया। सूर्यास्त के बाद यहां सन्नाटा पसरा रहता है।
3. कहा जाता है भानगढ़ में सिंघिया नाम का एक तांत्रिक रहता था। सिंघिया राजकुमारी रत्नावती से प्रेम करता था। उसके जादू से यह किला शापित हो गया। तांत्रिक ने राजकुमारी को वश में करने के लिए जादू किया, लेकिन वह असफल हो गया और मरते समय उसने भानगढ़ को श्राप दिया कि यह नगर नष्ट हो जाएगा।
4. तांत्रिक के मरने के बाद भानगढ़ व अजबगढ़ के बीच युद्ध हुआ और भानगढ़ किले के सभी लोग मारे गए। इसमें राजकुमारी भी शामिल थीं। लोग कहते हैं कि किले में इतने लोगों के एक साथ मरने के बाद चीत्कार मच गया और अब उन सबकी आत्माएं किले में घूमती हैं।
5. भानगढ़ किला अरावली की पहाड़ियों के मध्य में स्थित है। पहाड़ी की चारदीवारी से घिरा होने के कारण यहां का दृश्य अद्भुत होता है। वर्तमान में भानगढ़ किला खंडहर बन चुका है, लेकिन इसके अवशेष आज भी शानदार स्थापत्य कला का नमूना हैं।
6. रहस्य और रोमांच की वजह से भानगढ़ किला आज पर्यटकों और शोधकर्ताओं के लिए एक खास जगह है। कई डॉक्यूमेंट्री, टीवी शो और फिल्में भानगढ़ किले की रहस्यमयी कहानियों पर आधारित हैं।
7. स्थानीय लोगों और पर्यटकों का दावा है कि रात में भानगढ़ किले से महिलाओं के रोने, पायल की छनछन और चूड़ियां खनकने की आवाजें सुनाई देती हैं। आज भानगढ़ में सिर्फ टूटी हवेलियां, और इतिहास की पुकार बाकी है।
8. भानगढ़ किले के आसपास जितने भी मकान हैं, उनकी छत नहीं है। लोगों का कहना है कि शापित जमीन होने के कारण यहां के मकानों की छतें अपने आप ही गिर गई है। हालांकि, इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। भानगढ़ किला परिसर के अंदर, मंदिरों, महलों और हवेलियों के खंडहर देखे जा सकते हैं। किले में मुख्य द्वार के अलावा चार प्रवेश द्वार हैं- लाहौरी गेट, अजमेरी गेट, फूलबाड़ी गेट और दिल्ली गेट।
9. भानगढ़ किले के मुख्य द्वार पर कई हिंदू मंदिर हैं। प्रमुख मंदिर गोपीनाथ मंदिर, सोमेश्वर मंदिर, केशव राय मंदिर, मंगला देवी मंदिर और गणेश मंदिर हैं। ये मंदिर 17वीं शताब्दी की वास्तुकला और कारीगरी का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। सभी मंदिर नागर शैली की वास्तुकला में हैं। यहां गोपीनाथ मंदिर भी है जो 14 फीट ऊंचे चबूतरे पर बना है, जिसके पत्थरों पर उत्कृष्ट नक्काशी की गई है।
10. मंदिर परिसर में मुख्य पुजारी का निवास भी है, जिसे पुरोहितजी की हवेली कहा जाता है। इनमें प्रमुख है नर्तकियों की हवेली, जो नर्तकियों का घर हुआ करती थी। यहां किले की सीमा के सबसे अंतिम छोर पर शाही महल के खंडहर मौजूद हैं। कहा जाता है कि शाही महल सात मंजिला था, लेकिन अब केवल चार मंजिला ही बचा है।
Published on:
12 Nov 2025 02:42 pm
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