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खेरली. राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय खेरली में शिक्षक की कमी और अवकाश के कारण शिक्षण व्यवस्था में गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। महिला सशक्तीकरण के साथ राज्य सरकार महिलाओं के उत्थान और उनके लिए बेहतर सुविधाएं देने के दावे तो करती है, लेकिन खेरली के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्थिति कुछ और ही बयां करती है। यहां शिक्षकों का अभाव है और प्रमुख विषयों जैसे अंग्रेजी, भूगोल और विज्ञान के अध्यापक नहीं होने से विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है। ऐसे में प्रशासन को शीघ्र इस समस्या का समाधान करना चाहिए है, ताकि विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो सके और उनकी शिक्षा में कोई रुकावट न आए।
कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 200 विद्यार्थियों के लिए विद्यालय में पर्याप्त शिक्षक नहीं हैं। वर्तमान में प्रधानाचार्य ने व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बाहरी शिक्षकों को नियुक्त किया है, जिससे कक्षाओं का पाठ्यक्रम समय पर पूरा करना मुश्किल हो रहा है। नवंबर माह में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं होनी हैं, लेकिन पाठ्यक्रम पूरा न होने की समस्या सुलझाना बड़ी चुनौती बनी हुई है।विद्यालय में कुल 12 कर्मचारी
विद्यालय में कुल 12 कर्मचारी हैं। जिनमें 2 लिपिक, 2 सहायक कर्मचारी और 1 कंप्यूटर शिक्षक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, प्रधानाचार्य सहित केवल 7 शिक्षक कार्यरत हैं। इन 7 शिक्षकों में अंग्रेजी, भूगोल और विज्ञान विषयों के लिए कोई शिक्षक नहीं हैं, जिनकी नियुक्ति लंबे समय से रिक्त है। कक्षा 9, 10, 11 और 12 में क्रमशः 47, 43, 45 और 65 सहित कुल 200 विद्यार्थियों का नामांकन है। प्रत्येक कक्षा के लिए अलग-अलग शिक्षक की आवश्यकता है। इसके बावजूद शिक्षक की कमी के कारण दो कक्षाएं हमेशा खाली रहती हैं और प्रधानाचार्य को या कंप्यूटर अनुदेशक को कक्षाएं संभालनी पड़ती हैं। इसके अलावा जब भी कोई शिक्षक अवकाश पर जाता है, तो व्यवस्थाएं और भी अधिक प्रभावित होती है। इसके साथ ही वर्तमान में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम के कारण विद्यालय से दो-दो अध्यापक लिए गए हैं, जिससे भी शिक्षण व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।..............
पद काफी समय से रिक्तअंग्रेजी विषय का पद काफी समय से रिक्त है। विज्ञान की अध्यापिका का तबादला हो गया। व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमने दो बाहरी शिक्षकों को बुलाया है और पाठ्यक्रम को समय पर पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। मैं स्वयं भी कक्षाएं ले रही हूं। विद्यालय में नामांकन हमेशा ठीक रहता है।अनीता कांवत, प्रधानाचार्य, राबाउमावि, खेरली।
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उच्च स्तर पर स्थिति की पूरी जानकारी हैप्रदेशभर में शिक्षकों की कमी है। पीईईओ क्षेत्र में स्वविवेक से व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए है। हाल ही में एसआइआर में भी कर्मचारी लिए गए हैं, जिसके कारण शिक्षण व्यवस्था पर और भी दबाव पड़ा है। उच्च स्तर पर स्थिति की पूरी जानकारी है।
राधेश्याम चौधरी, सीबीईओ, कठूमर।
Published on:
09 Nov 2025 11:59 pm
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