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एसपी के ‘ऑपरेशन क्लीन’ से हडक़ंप, एक आदेश से चहेते मूल तैनाती पर लौटे

एसपी ने थानों में लंबे समय से टिके पुलिसकर्मियों की मांगी सूची

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अलवर

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mohit bawaliya

Aug 01, 2025

बहरोड़. नवगठित कोटपूतली-बहरोड़ जिले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) का पदभार संभालने के बाद देवेंद्र बिश्नोई ने पहला बड़ा कदम उठाते हुए पुलिस महकमे में वर्षों से चली आ रही मनमानी पोङ्क्षस्टग की जड़ों पर प्रहार किया है।
बुधवार को एसपी की ओर से जारी एक आदेश ने पुलिस थानों में हडक़ंप मचा दिया है। इस आदेश के तहत, सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अधीन ’मौखिक’ या ’जुबानी’ आदेशों पर काम कर रहे तमाम पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल तैनाती स्थान के लिए रवाना करें। आदेश जारी होते ही जिले के सभी थाना अधिकारियों ने आनन-फानन में ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाकर उन्हें उनके मूल थानों में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
सैकड़ों कर्मी हुए इधर-उधर: इस एक आदेश का असर इतना व्यापक था कि जिले में सैकड़ों पुलिसकर्मी, जो अपनी आधिकारिक पोङ्क्षस्टग से अलग अन्य थानों में जमे हुए थे, को अपना बोरिया-बिस्तर समेटना पड़ा। अकेले बहरोड़ कोतवाली से 8 और सदर थाने से 4 पुलिसकर्मियों को हटाया गया। यह आंकड़ा इस बात का स्पष्ट संकेत है कि जिले में यह व्यवस्था कितनी गहरी और व्यापक थी।
क्यों पड़ी इस ’ऑपरेशन क्लीन’ की जरूरत
पुलिस महकमे में ’मौखिक पदस्थापन’ एक ऐसी अनौपचारिक व्यवस्था है, जिसमें किसी पुलिसकर्मी का तबादला कागजों पर तो किसी दूर-दराज या कम महत्वपूर्ण थाने में होता है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के मौखिक निर्देश पर वह किसी शहरी, सुविधाजनक या ’मलाईदार’ माने जाने वाले थाने में काम करता रहता है। इससे न केवल आधिकारिक प्रणाली का मखौल उड़ता है, बल्कि थानों में स्टाफ की जरूरत और तैनाती के बीच एक बड़ा असंतुलन भी पैदा होता है, जिसका सीधा असर कानून-व्यवस्था और जनता की सुनवाई पर पड़ता है।
मांगी गई है सभी थानों से सूची
एसपी की ओर से मंगलवार को जारी एक दूसरे आदेश में सभी थाना अधिकारियों से उनके थानों में तैनात स्टाफ की सूची मांगी है कि कौन कार्मिक कब से है। ऐसे में सूची जाने के बाद उम्मीद है की जल्द ही लम्बे समय से थानों में नियमों के खिलाफ पुलिस स्टाफ जमा हुआ है, जिससे लम्बे समय से जमे पुलिसकर्मी अब अपने इच्छा वालो स्थानो पर तबादला करने के लिए जुगत बैठाने में लगे है।
आदेश से मची खलबली
पुलिस अधीक्षक देवेंद्र बिश्नोई के इस कदम को महकमे में अनुशासन, पारदर्शिता और योग्यता-आधारित तैनाती की व्यवस्था को फिर से स्थापित करने की दिशा में एक बड़े सुधार के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया है कि जिले में अब किसी भी तरह की मनमानी या सिफारिश पर आधारित पोङ्क्षस्टग बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर पुलिसकर्मी को वहीं काम करना होगा, जहां उसकी आधिकारिक तौर पर तैनाती है।

एसपी ने मौखिक रूप से मूल तैनाती के अलावा अन्य जगहों पर ड्यूटी कर रहे पुलिस कर्मियों को उनके मूल स्थान पर वापस भेजने के लिए आदेश जारी किए है। इसके साथ ही लम्बे समय से एक ही जगह पर तैनात पुलिस कर्मियों की भी जानकारी मांगी गई है। जिले में जल्द ही बड़ा फेरबदल हो सकता है।
- वैभव शर्मा, एएसपी मुख्यालय कोटपूतली-बहरोड़