
Junior passport assistant (Photo- Patrika)
अंबिकापुर. भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने आरोपी कनिष्ठ पासपोर्ट (Bribe for passport) सहायक को 3 वर्ष की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पासपोर्ट के लिए प्राप्त दस्तावेजों के सत्यापन के लिए आरोपी ने 4 हज यात्रियों से रिश्वत की मांग की थी। शिकायत पर एंटीक्रप्शन ब्यूरो ने 8 हजार रुपए की रिश्वत लेते उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। मामला मई 2024 का है। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आरोपी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया था। मामला अंबिकापुर न्यायालय में चल रहा था।
आरोपी संकट मोचन पिता प्रभंजन प्रसाद राय 32 वर्ष कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक के रूप में पासपोर्ट सेवा केन्द्र अंबिकापुर में पदस्थ था। प्रार्थी इसरार हुसैन एवं उसके गांव दोलंगी थाना रामचंद्रपुर जिला बलरामपुर के 4 व्यक्ति समीम अंसारी, तुफैल अहमद, असलम अंसारी एवं नूरानी हज यात्रा (Bribe for passport) पर जाना चाहते थे।
इन सभी का पासपोर्ट बनवाने के लिए इसरार ने ऑनलाइन फार्म भरा था। 21 मई 2024 को सभी पांचों व्यक्ति दस्तावेज सत्यापन के लिए पासपोर्ट सहायक अंबिकापुर पहुंचे। यहां कनिष्ठ पास्पोर्ट सहायक संकट मोचन द्वारा दस्तावेज में त्रुटि बताकर सत्यापन रोक दिया।
इस दौरान आरोपी ने इसरार से कहा कि अगर पासपोर्ट (Bribe for passport) बनवाना है तो पांचों को मिलकर 10 हजार रुपए देना पड़ेगा। अन्यथा त्रुटि बताकर फार्म रिजेक्ट कर देंगे।
सभी ने मामले की शिकायत एंटीक्रप्शन ब्यूरो अंबिकापुर से की थी। एसबी की टीम ने 30 मई 2024 को 8 हजार रुपए रिश्वत लेते कनिष्ठ पासपोर्ट सहायक संकट मोचन को गिरफ्तार किया था। टीम ने आरोपी के खिलाफ धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कार्रवाई कर जेल दाखिल कर दिया था।
मामला न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में चल रहा था। आरोपी के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश अंबिकापुर ममता पटेल ने 29 नवंबर को आरोपी को 3 वर्ष के कठोर कारावास (Bribe for passport) की सजा सुनाई है। अभियोजन की ओर से विवेक सिंह अतिरिक्त लोक अभियोजक व आरोपी की ओर से अधिवक्ता संजय अंबष्ट ने पैरवी की।
Published on:
30 Nov 2025 07:04 pm
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