Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अनूपपुर : एक साल बाद भी जलसार औद्योगिक क्षेत्र के कार्यों में नहीं आई तेजी, अब तक सिर्फ टंकी बनी

12 करोड़ की लागत से 65 हेक्टेयर में होना है औद्योगिक क्षेत्र का विकास, ठेकेदार की लापरवाही से कार्य हो रहे प्रभावित

2 min read
Google source verification

कोतमा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत जलसार में औद्योगिक क्षेत्र का निर्माण किया जा रहा है। 30 जून 2024 को कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल ने इसका भूमि पूजन किया था। एक वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी अब तक सिर्फ ओवर हेड टैंक का निर्माण ही किया गया है। स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि जल्द ही औद्योगिक क्षेत्र का कार्य पूर्ण होगा और उद्योगों की स्थापना होगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्र के व्यवसाय भी लोभ मिलेगा। जलसार में 11 करोड़ 75 लख रुपए की लागत से 65 हैकटेयर भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने की योजना बनाई गई है। प्रथम चरण में 40 हेक्टेयर क्षेत्र को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। द्वितीय चरण में 25 हेक्टेयर भूमि पर औद्योगिक विकास के लिए कार्य किए जाएंगे। ठेकेदार की लापरवाही की वजह से काम में लेटलतीफी की जा रही है।

1200 करोड़ रुपए निवेश की योजना

प्रोजेक्ट के अंतर्गत 110 औद्योगिक इकाइयोंं के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। 1200 करोड़ रुपए का निवेश विभिन्न कंपनियों से कराने की योजना है। इसमें 2200 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इससे क्षेत्र के ग्रामीण युवाओं को लाभ होगा तथा उन्हें रोजगार के अवसर स्थानीय स्तर पर ही प्राप्त हो सकेंगे। औद्योगिक कार्य के लिए उन्हें वरीयता की जाएगी। योजना के अंतर्गत 50 लाख रुपए का अनुदान विभाग से दिलाया जाएगा। योजना के प्रथम चरण में 40 हेक्टेयर भूमि क्षेत्र में मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा ठेकेदार के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है। औद्योगिक निवेश के लिए 110 भूखंड विकसित किया जाना है लेकिन अभी तक ना तो सड़क निर्माण हो पाया है और ना ही नाली तथा औद्योगिक भूखंड विकसित करने के लिए अन्य कार्य हो पाए हैं। विद्युत की व्यवस्था सहित 115 स्ट्रीट लाइट लगनी है। विद्युतीकरण का कार्य अब तक शुरू ही नहीं हुआ है।

ठेकेदार को कार्य में हो रहे विलंब को लेकर के पत्राचार किया गया है, शेष कार्य जल्द पूरे किए जाएंगे।

अश्विनी प्रताप सिंह, महाप्रबंधक एमपीआईडीसी