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एमपी में हाथों में जलते दीपक लेकर निकले हजारों लोग, जगमगा उठा यह शहर

Dev Uthni gyaras- सुबह सुबह शंख व घंटियों के घोष के साथ हाथों में जलते दीप और सिर पर कलश लेकर हजारों महिलाएं व पुरुष देव प्रबोधन के लिए निकले।

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People came out with burning lamps in Ashoknagar on Dev Prabodhini Ekadashi

People came out with burning lamps in Ashoknagar on Dev Prabodhini Ekadashi

Ashoknagar- एमपी में शनिवार को अनोखा नजारा देखा गया। जब सभी लोग गहरी नींद में सोए हुए थे तब प्रदेश के अशोकनगर में हजारों लोग सड़कों पर ए​कत्रित हो चुके थे। वे अपने हाथों में जलता दीपक लेकर निकले थे। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। शहर में तड़के 4:45 बजे ही शंख ध्वनि गूंजने लगी थी। अशोकनगर में देव प्रबोधिनी एकादशी के मौके पर यह परंपरागत प्रभात फेरी निकाली जा रही थी। स्वागत के लिए शहर में घर-घर दरवाजों पर रंगोली सजाई गई थी। शहरभर में दीप भी जलाए। सुबह का धुंधलका दीपावली सा जगमगा चुका था।

अशोकनगर में देव उठनी ग्यारस पर प्रदेश का सबसे अनोखा आयोजन हुआ। सुबह सुबह शंख व घंटियों के घोष के साथ हाथों में जलते दीप और सिर पर कलश लेकर हजारों महिलाएं व पुरुष देव प्रबोधन के लिए निकले। रास्ते भर घरों के बाहर रंगोली सजी थी और दीप जल रहे थे। इससे शहर की गलियां और सड़कें दीपावली सी जगमग हो उठीं।

देव प्रबोधिनी एकादशी पर अक्षरपीठ संस्था ने यह आयोजन किया। संस्था के पंडित कैलाशपति नायक के नेतृत्व में सुबह प्रभातफेरी निकाली गई। राजराजेश्वर मंदिर से शुरू होकर शहर के मंदिरों की लंबी परिक्रमा करते हुए वापस मंदिर पर इसका समापन हुआ।

प्रभातफेरी में हजारों महिलाएं, पुरुष अपने हाथों में प्रज्वलित दीपक लेकर निकले। शंखों की आवाज गूंजती रही। शंख ध्वनि के बीच श्रद्धालु श्री राम जय राम जय जय राम महामंत्र का उच्चारण करते हुए चलते रहे।

जिन मार्गों से यह प्रभातफेरी निकली वहां संस्था ने एक दिन पूर्व यानि शुक्रवार को जागरूकता रैली निकाली थी। इसमें शहरवासियों से अपने अपने घरों के बाहर रंगोली सजाने और दरवाजों पर दीप जलाने का आग्रह किया गया था। लोगों ने इस परंपरा को पूर्ण रूप से निभाया।

34 वर्ष से देव प्रबोधिनी एकादशी पर किया जा रहा आयोजन

अशोकनगर में 34 वर्ष से हर साल देव प्रबोधिनी एकादशी पर यह आयोजन किया जा रहा है। सिर पर कलश व हाथों में दीप लेकर श्री राम जय राम जय जय राम महामंत्र के उच्चारण के साथ शहर में प्रभातफेरी निकाली जाती है। इनके स्वागत में शहरवासी भी घर-घर दरवाजों पर रंगोली सजाकर और दीप जलाते हैं।

देव प्रबोधिनी एकादशी पर जिले में शाम को भी जगह-जगह आयोजन होंगे। देव पूजन और तुलसी पूजन के लिए गन्ना, बेर, चना, भाजी और ज्वार के भुट्टों की जमकर बिक्री हो रही है।