
Bhagavad Gita Lessons by Date of Birth : जन्मतिथि जानें गीता के किस श्लोक में छिपा है आपका समाधान?
Bhagavad Gita Lessons by Date of Birth : हिंदू धर्म में भगवद गीता एक बेहद पवित्र ग्रंथ मानी जाती है। खासकर भगवान श्री कृष्ण के भक्त इसे बड़े ध्यान से पढ़ते हैं, क्योंकि इसमें जिंदगी के लिए बहुत जरूरी बातें छुपी हैं। इसी वजह से, हमने आपकी जन्म तारीख के हिसाब से गीता के कुछ खास सबक निकाले हैं। तो चलिए, जानते हैं आपके लिए क्या संदेश है—
अगर आपका नंबर 1 है, तो आप सूर्य ग्रह के असर में आते हैं।
गीता कहती है—अतीत जा चुका, उससे बस सीख लो। भविष्य आने वाला है, उसके लिए खुद को तैयार करो। लेकिन असली जिंदगी तो इसी पल में है, उसे पूरी तरह जियो।
नंबर 2 वाले लोग चंद्रमा से जुड़े होते हैं
जब हमारा मन शांत रहता है, तो हम अपनी इच्छाओं को भी अच्छे से समझ सकते हैं। मुश्किल वक्त में भी उम्मीद मत छोड़ो। मन की शांति से सोच भी साफ होती है और पॉजिटिव एनर्जी आती है।
नंबर 3 वालों का संबंध जुपिटर से है
दुनिया में सबसे बड़ी ताकत है—हमारा विश्वास। यकीन मानिए, इसी से बीमार आदमी ठीक हो जाता है, उदास इंसान मुस्कराने लगता है और हारने वाला फिर से कोशिश करता है। खुद पर भरोसा रखो, सब पा सकते हो।
नंबर 4 वाले राहु के प्रभाव में रहते हैं
आप जैसा सोचेंगे, वैसे ही बनेंगे। अगर मन बना लिया कि कर सकते हो, तो रास्ता अपने आप मिल जाएगा। लेकिन अगर शुरू में ही हार मान ली, तो मंजिल दूर ही रहेगी।
नंबर 5 वाले लोग मरकरी से जुड़े हैं
गीता समझदारी और सीखने की अहमियत बताती है। आजकल तो जानकारी हर जगह है, बस सीखने की चाह होनी चाहिए। जितना सीखोगे, उतना आगे बढ़ोगे—खुद के लिए, समाज के लिए।
नंबर 6 वालों पर वीनस का असर रहता है
गीता साफ कहती है—हर चीज बदलती है। शरीर, भावनाएं, सोच—सब कुछ। जो इंसान वक्त के साथ खुद को बदलना सीख लेता है, वही आगे बढ़ता है। नए हालात में ढलना, कुछ नया ट्राय करना, यही असली सफलता है।
नंबर 7 वाले केतु के अधीन होते हैं
भगवान कृष्ण कहते हैं, आत्मा कभी मरती नहीं है, बस शरीर बदलता है। यानी हमारी आत्मा हमेशा रहती है। शरीर तो बस कुछ वक्त का मेहमान है।
नंबर 8 वाले शनि के असर में आते हैं
गीता में साफ लिखा है तुम सिर्फ अपना काम कर सकते हो, नतीजा तुम्हारे हाथ में नहीं। रिजल्ट की चिंता छोड़ दो और पूरी ईमानदारी से अपना फर्ज निभाओ।
नंबर 9 वाले लोग मंगल के अधीन आते हैं
कुरुक्षेत्र में अर्जुन लड़ने से डर गया था, क्योंकि उसे अपने फैसलों का अंजाम नहीं दिख रहा था। गीता सिखाती है—हम क्या करें और क्यों करें, ये सब इस पर निर्भर करता है कि हम दुनिया को किस नजर से देखते हैं। नजरिया बदलो, सोच बदल जाएगी।
Published on:
01 Dec 2025 11:37 am
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