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Budh Gochar in Tula Rashi: अक्टूबर में बुध का गोचर, 03 अक्टूबर से तुला राशि वालों को लाभ के संकेत

Budh Gochar in Tula Rashi: ज्योतिषाचार्या और टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, 3 अक्टूबर 2025 को बुध का तुला राशि में गोचर, तुला राशि वालों के लिए लाभकारी रहेगा। जानें व्यापार, शिक्षा और निवेश पर इसका प्रभाव और उपाय।

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भारत

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Rahul Yadav

Sep 30, 2025

Budh Gochar in Tula Rashi

Budh Gochar in Tula Rashi (Image: Patrika.com)

Budh Gochar in Tula Rashi: अक्टूबर 2025 में तुला राशि वालों के लिए एक महत्वपूर्ण खगोलीय बदलाव होने जा रहा है। 3 अक्टूबर को बुध ग्रह तुला राशि में गोचर करेंगे। ज्योतिषाचार्या और टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, यह गोचर तुला राशि वालों के लिए कई क्षेत्रों में लाभ और सफलता लेकर आएगा। रुके हुए काम पूरे होंगे और व्यापार या निवेश में किए गए प्रयास फलदायक होंगे।

3 अक्टूबर को बुध का तुला राशि में गोचर

नीतिका शर्मा बताती हैं कि बुध ग्रह को तटस्थ ग्रह माना गया है और यह वाणी, संचार, गणित, शिक्षा और व्यापार से जुड़े मामलों का कारक है। बुध ग्रह के शुभ प्रभाव से निवेश, लेन-देन, बिजनेस योजनाओं और शिक्षा में फायदा मिलता है। शरीर पर इसके प्रभाव से त्वचा और आवाज में सुधार होता है। साथ ही व्यक्ति चतुर और समझदार बनता है। अशुभ प्रभाव होने पर इन्हीं क्षेत्रों में नुकसान होने की संभावना रहती है। 3 अक्टूबर सुबह 3:43 बजे होने वाला यह राशि परिवर्तन तुला राशि वालों के लिए विशेष रूप से लाभकारी रहेगा।

ग्रहों के गोचर का प्रभाव

नीतिका शर्मा के अनुसार, बुध ग्रह के इस गोचर से व्यापार में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही आय में इजाफा होने की संभावना है। हालांकि, प्राकृतिक घटनाओं जैसे भूकंप, तूफान, बाढ़, भूस्खलन और सड़क-पुल टूटने का खतरा भी बना रहेगा। राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में संघर्ष तेज हो सकता है। समुद्री तूफान और जहाज-यान दुर्घटनाओं का खतरा भी नजर आ सकता है। कुल मिलाकर, यह समय बदलाव और नए अवसरों के लिए अनुकूल रहेगा।

क्या करें उपाय?

नीतिका शर्मा बताती हैं कि बुध ग्रह के शुभ प्रभाव को बढ़ाने और अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए नियमित पूजा और मंत्र जाप करना लाभकारी रहेगा। हनुमते नमः, ऊँ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। डेली सुबह और शाम हनुमान जी के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं। लाल मसूर की दाल शाम 7:00 बजे के बाद हनुमान मंदिर में चढ़ाएं। हनुमान जी को पान और दो बूंदी के लड्डू का भोग लगाना चाहिए। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। माता दुर्गा, भगवान शिव और हनुमानजी की आराधना संपूर्ण दोषों को नष्ट और दूर करने में सहायक होती है।

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