
लक्ष्मण पथ से सीधे जुड़ेगा पंचवटी द्वीप (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
Ayodhya Peepa Pul: सरयू के तट पर एक बार फिर इतिहास खुद को दोहराने जा रहा है। करीब चार दशक बाद सरयू नदी पर पान्टून यानी पीपा पुल दोबारा बनाया जाएगा, जो अयोध्या की संस्कृति और परंपरा को नए रूप में जीवंत करने की दिशा में बड़ा कदम होगा। शासन ने इस पुल की मंजूरी दे दी है और इसके निर्माण पर एक करोड़ 46 लाख 78 हजार रुपये व्यय होंगे। परियोजना के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष में 73 लाख 39 हजार रुपये जारी भी कर दिए गए हैं। यह नया पीपा पुल जमथरा घाट के पास बनाया जाएगा और लक्ष्मण पथ को सरयू नदी के मध्य विकसित किए जा रहे पंचवटी द्वीप से जोड़ेगा। इससे न केवल पर्यटन को नई उड़ान मिलेगी बल्कि श्रद्धालुओं के लिए पहुंच मार्ग भी अधिक सुगम और आकर्षक बनेगा।
अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) सरयू के बीच 75 एकड़ में पंचवटी द्वीप का विकास कर रहा है। यह परियोजना अपने आप में अनोखी है क्योंकि इसे भगवान राम के जीवन से जुड़े प्रसंगों पर आधारित थीम पर विकसित किया जा रहा है। इसमें ‘राम की जीवन यात्रा’ पर आधारित प्रस्तुतीकरण, ऋषि कॉटेज, योग एवं ध्यान केंद्र, सांस्कृतिक मंच, घुड़सवारी की व्यवस्था, एडवेंचर जोन और जैविक खेती के मॉडल स्थापित किए जा रहे हैं। श्री निलमय संस्था जो इस परियोजना में सहयोगी है, उसके प्रतिनिधि यादवेंद्र प्रताप यादव के अनुसार शासन से एनओसी मिलते ही निर्माण कार्यों में गति आ जाएगी। उनका कहना है कि पंचवटी द्वीप का स्वरूप तैयार होते ही अयोध्या के पर्यटन को अत्यधिक लाभ मिलेगा और यहां आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं को एक अनूठा अनुभव प्राप्त होगा।
1960 के दशक तक सरयू पर तैरता पीपा पुल ही आवागमन का मुख्य साधन था। इसी मार्ग से गोंडा, बलरामपुर और बस्ती की ओर जाने वाले वाहन गुजरते थे। सरयू की धारा पर लकड़ी और लोहे के पोंटून पर बना पुल उस दौर के शहर की जीवन रेखा माना जाता था। जून 1966 में सरयू पर स्थायी पुल बनने के बाद यह पीपा पुल हमेशा के लिए हटा लिया गया और इतिहास का हिस्सा बन गया।
स्थानीय बुजुर्ग राम गोपाल बताते हैं कि पीपा पुल पार करने का अनुभव अलग ही होता था। सरयू की धीमी-धीमी लहरों पर झूलता पुल यात्रियों के लिए रोमांच की अनुभूति कराता था। अब वही दृश्य एक आधुनिक और सुरक्षित रूप में फिर सामने आएगा। प्रशासन का मानना है कि यह नया पुल श्रद्धालुओं, पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।
अयोध्या में पिछले कुछ वर्षों में बुनियादी ढांचे का तेजी से विकास हुआ है, जिसमें लक्ष्मण पथ का निर्माण भी एक महत्वपूर्ण चरण था। अब यह नया पीपा पुल इस पथ को सीधे पंचवटी द्वीप से जोड़ेगा। इससे वहां तक पहुंचना बेहद आसान होगा और भीड़ नियोजन भी अधिक सुचारू तरीके से किया जा सकेगा।
परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार पंचवटी द्वीप को अयोध्या की विश्व-स्तरीय पर्यटन पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जा रहा है। यहां धार्मिक कार्यक्रम, सांस्कृतिक आयोजन और योग-ध्यान से जुड़े अंतरराष्ट्रीय समारोह भी आयोजित किए जा सकते हैं। पीपा पुल इसमें प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक आकर्षण दोनों का मेल जोड़ देगा।
पर्यटन के बढ़ने से स्थानीय व्यवसाय, होटल, रेस्तरां, नाव संचालक, टूर गाइड और हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों को आर्थिक लाभ मिलेगा। जानकारों का मानना है कि पंचवटी द्वीप और पीपा पुल के बनने के बाद अयोध्या का सरयू तट एक नए ‘रिवरफ्रंट’ का स्वरूप ले सकता है, जिससे शहर की अर्थव्यवस्था और भी मजबूत होगी।
नई परियोजना में सुरक्षा और स्थायित्व पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। पीपा पुल की मजबूती बढ़ाने के लिए आधुनिक इंजीनियरिंग तकनीकों का प्रयोग होगा। पुल पर पर्याप्त चौड़ाई, रेलिंग और रात्रिकालीन रोशनी की भी व्यवस्था प्रस्तावित है ताकि श्रद्धालु सुरक्षित तरीके से आवागमन कर सकें। अधिकारियों का कहना है कि मानसून के दौरान पुल को सुरक्षित तरीके से हटाने और पुनः स्थापित करने की योजना भी तैयार की जा रही है। इससे नदी की प्राकृतिक धारा और जलस्तर के अनुसार कार्यप्रणाली को नियंत्रित किया जा सकेगा।
अयोध्या आज देश और दुनिया का बड़ा आध्यात्मिक केंद्र बन चुकी है। राम मंदिर निर्माण के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस स्थिति में प्रशासन ऐसे सभी प्रोजेक्टों पर काम कर रहा है जो शहर को सुव्यवस्थित, आकर्षक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाएं। पीपा पुल का निर्माण न केवल पुराने अयोध्या की याद दिलाएगा बल्कि नए आधुनिक शहर की सूरत भी संवारने में मदद करेगा। शासन का यह कदम आस्था, इतिहास और पर्यटन के त्रिवेणी संगम का प्रतीक माना जा रहा है।
Published on:
10 Nov 2025 06:00 am
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