
Doctor in Balaghat did not perform delivery due to overtime
Balaghat- बालाघाट जिला अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सकों की मनमानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दिनों ही प्रसव के नाम पर रुपए मांगने वाली चिकित्सक डॉ गीता बारमाटे को कलेक्टर ने निलंबित करवाया। वहीं सोमवार को एक और महिला चिकित्सक की मनमानी और लापरवाही सामने आ गई। ऑपरेशन के लिए पहुंची प्रसूता का महिला चिकित्सक ने यह कहते हुए सिजेरियन करने से इंकार कर दिया कि उनका ड्यूटी टाइम खत्म हो गया है। इधर अधिक ब्लडिंग होने से बच्चे की गर्भ में ही धडकऩ थम गई, उसकी मौत हो गई। इस पर परिजनों ने हंगामा मचाते हुए चिकित्सक पर कार्रवाई की मांग की।
जानकारी के अनुसार अधिक रक्त स्त्राव होने पर एक गर्भवती महिला को सीजर ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन कक्ष में ले जाया गया। यहां महिला चिकित्सक ने यह कहकर उसे वापस कर दिया कि उनकी ड्यूटी का समय खत्म हो गया है। दूसरी डॉक्टर आएंगी, वो प्रसव कराएंगी।
इस दौरान प्रसूता के गर्भ में ही बच्चे की धडकऩें थम गई। बच्चे की मौत हो गई। आशा कार्यकर्ता और प्रसूता के परिजन भडक़ उठे। उन्होंने डॉक्टर पर मनमानी के आरोप लगाकर जमकर हंगामा मचाया। आशा कार्यकर्ता अनिता जामुनपाने ने महिला डॉक्टर पर बदसलूकी कर अपशब्दों का उपयोग करने के आरोप लगाए हैं। इस मामले की निष्पक्ष जांच कर महिला डॉक्टर रश्मि बाघमारे पर वैधानिक कार्रवाई की मांग की।
जानकारी के अनुसार वारासिवनी के ग्राम शेरपार निवासी 20 वर्षीय गर्भवती महिला झरना पति अजय डहरवाल को रात्रि करीब 4 बजे प्रसव पीढ़ा और ब्लडिंग होने पर सोमवार की सुबह जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया। आशा कार्यकर्ता के मुताबिक अधिक ब्लड रिसाव और महिला डॉक्टर के नहीं होने की शिकायत उन्होंने सीएमएचओ से की तब कहीं जाकर डॉ रश्मि बागमरे ने प्रसूता को देखा।
इमरजेंसी केस होने पर प्रसूता को ऑपरेशन कक्ष में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर ने यह कहते हुए वापस कर दिया कि उनकी ड्यूटी खत्म हो गई है। अब जो दूसरी डॉक्टर ड्यूटी पर आएगी, वह ऑपरेशन करेंगी। आशा कार्यकर्ता ने महिला चिकित्सक पर अपशब्द कहे जाने का आरोप लगाते हुए परिजनों के साथ हंगामा मचाया। तब कहीं जाकर ड्यूटी पर आई दूसरी महिला चिकित्सक ने ऑपरेशन कर प्रसूता के पेट से मरे हुए बच्चे को बाहर निकाला।
गर्भ में ही बच्चे की मौत होने पर प्रसूता के परिजनों ने महिला चिकित्सक रश्मि बाघमारे पर उपचार में लापरवाही और आशा के साथ बदसलूकी किए जाने का आरोप लगाते हुए मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर ड्यूटी चिकित्सक व स्टाफ पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
प्रसूता की सास संगीता डहरवाल ने बताया कि सुबह हम अपनी बहू को लेकर अस्प्ताल पहुंचे थे। महिला चिकित्सक ने ड्यूटी खत्म हो गई है, कहकर ऑपरेशन नहीं किया। दूसरी चिकित्सक ने आपरेशन किया तब बच्चे की मौत हो चुकी थी। यदि समय पर मेरी बहू को उपचार मिला होता तो शायद बच्चा नहीं मरा होता। इधर सीएमएचओ डॉ परेशन उपलव ने बताया कि परिजनों के फोन करने पर हमने चिकित्सक से व्यवस्था करवा दी थी। बच्चे की मौत किस वजह से हुई हम इसकी जानकारी लेंगे।
Published on:
01 Dec 2025 09:40 pm
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