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शहर के वार्ड 20 से हटाए गए अवैध स्पीड ब्रेकर, रहवासियों ने ली राहत की सांस

वार्डवासियों की शिकायत पर पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था मामला सीएम हेल्पलाइन में भी की गई थी शिकायत कलेक्टर ने मामले को संज्ञान में लेकर नपा सीएमओ का काटा वेतन मौके से हटवाए अवैध स्पीड ब्रेकर

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पत्रिका खबर का असर-

पत्रिका खबर का असर-

शहर के वार्ड नंबर 20 अन्नपूर्णा मंदिर गली में बनाए गए तीन स्पीड ब्रेकरों को तुड़वा दिया गया है। यह स्पीड ब्रेकर लोगों के लिए मुसीबत बने हुए थे। नगरपालिका के इन्हें तुड़वा दिए जाने से स्थानीय जनों के अलावा यहां से आवागमन करने वाले हजारों वाहन चालकों ने भी राहत की सांस ली है। बताया गया कि इन स्पीड ब्रेकरों को लेकर कई बार शिकायतें की गई थी। लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था। जानकारी पत्रिका को दी गई। पत्रिका ने मामले को प्रमुखता से उठाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष समस्या रखी। कलेक्टर मृणाल मीना ने मामले को संज्ञान लेते हुए न सिर्फ स्पीड ब्रेकरों को तुड़वाया है, बल्कि शिकायत पर सुनवाई न करने और लापरवाही बरतने को लेकर नगरपालिका सीएमओ का तीन दिनों का वेतन में भी कटौती की गई है। समस्या का निदान होने पर रहवासियों ने पत्रिका का आभार जताया है।

यह है पूरा मामला

रहवासी समीर वर्मा के अनुसार नियम विरूद्ध बनाए गए स्पीड ब्रेकरों से आवागमन अवरुद्ध हो रहा था। वार्ड में जल प्लावन की गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो रही थी। रात के समय बाइक चालकों को भी परेशानी होती थी। इन स्पीड ब्रेकरों में किसी तरह की मार्किंग भी नहीं लगाई गई थी। वर्मा के अनुसार ब्रेकर बनाने के कुछ भी नियम बने हुए हैं। दो ब्रेकर के बीच की दूरी कम से कम 100 से 120 मीटर होनी चाहिए। साथ ही ब्रेकर को हाइलाइट किया जाना भी शामिल है। लेकिन उनके वार्ड में 100 मीटर से भी कम दूरी में तीन स्पीड बना दिए गए थे। वार्डवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।

पत्रिका ने उठाया था मामला

वार्डवासियों की शिकायत के डेढ़ माह बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर पत्रिका को समस्या से अवगत कराया गया। पत्रिका ने अपने 04 सितंबर के अंक में अवैध स्पीड ब्रेकर दे रहे दुर्घटनाओं को आमंत्रण, शिकायत के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई शीर्षक से खबर का प्रमुखता से प्रकाशन किया था। समीर वर्मा के अनुसार अन्य मीडिया संस्थानों ने क्राइम आधारित खबरों को महत्व दिया जाता है। लेकिन पत्रिका ने वार्डवासियों की समस्या को पहले पेज पर प्रमुखता से स्थान दिया। असर यह हुआ कि ब्रेकर तुड़वा दिए गए हैं, उनकी समस्या का समाधान हो पाया है।
समीर वर्मा ने बताया कि कलेक्टर तक मामला पहुंचने पर समस्या पर सुनवाई नहीं करने और लापरवाही बरतने के कारण नपा सीएमओ का तीन दिन का वेतन भी काटा गया है।