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कई केंद्रों में पूरे दिन छाई रही वीरानी, स्लॉट बुकिंग कराने पहुंचे कुछ किसान

पहले दिन नहीं हो पाई समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी

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पहले दिन नहीं हो पाई समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी

पहले दिन नहीं हो पाई समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी

प्रदेश के साथ ही जिले में भी 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की गई है। जिले में 185 केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन पहले दिन किसी भी केंद्र में खरीदी नहीं हो पाई। अधिकांश केंद्र सूने नजर आए, वहीं धान बेचने के लिए इक्का-दुक्का किसानो ने केंद्र पहुंचकर स्लाट बुक कराया। स्लॉट बुक करने वाले किसानों ने वादे के मुताबिक 3100 रुपए धान का सर्मथन मूल्य ना मिलने पर अपनी नाराजगी भी जताई।

पहले दिन जिले के ज्यादातर किसान अपनी धान बेचने केंद्र नहीं पहुंचे। केंद्रों में वीरानी नजर आई। केंद्रों में साफ-सफाई कर केंद्र प्रभारी किसानों की राह ताकते नजर आए। पत्रिका ने गोंगलाई मंडी स्थित धान खरीदी केंद्र के हाल जाने। यहां 10 गांव के किसानों की धान खरीदी जानी है, लेकिन दोपहर तक इस केंद्र में धान बेचने किसान नहीं पहुंचे। बारदानों की छपाई, मार्किंग के अलावा विद्युत की व्यवस्था, किसानों के रुकने, पानी पीने, कैंटिन सहित अन्य व्यवस्थाएं बनाते लेबर दिखाई दिए।

पंजीकृत किसानों की खरीदी जाएगी धान

गोंगलाई मंडी परिसर में बनाए गए धान खरीदी केंद्र में 1253 से अधिक पंजीकृत किसान है। इस धान खरीदी केंद्र में बगदरा, कोसमी, सरेखा, बूढ़ी, खैरी, भटेरा, बालाघाट, गोंगलाई, गायखुरी और नवेगांव ऐसे 10 गांव आते हैं। लेकिन इस केंद्र में भी कोई किसान धान बेचने नहीं पहुंचा। कुछ एक किसान स्लाट बुक कराने पहुंचे थे।

किसानों ने नहीं दिखाई रुचि

इस वर्ष जिले में समर्थन मूल्य पर धान बेचने 2 लाख 27 हजार से अधिक किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। लेकिन धान बेचने के लिए अब तक ज्यादातर किसानों ने स्टॉल बुकिंग तक नहीं कराए हंै। वहीं बिना स्टॉल बुकिंग के धान खरीदी नहीं हो पा रही है। एक ओर किसान अपना उपार्जन बचने के लिए स्लॉट बुक करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। वही सर्मथन मूल्य में महज 69 पैसे का इजाफा होने से किसान परेशान है। माना जा रहा है कि 1-2 दिन बाद ही किसान इसमें रुचि दिखाएंगे। इसके बाद जिले में धान खरीदी का कार्य शुरू किया जाएगा।

घोषणा पर अमल नहीं

शासन द्वारा पिछले वर्ष 2300 रु समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की गई थीए जबकि इस वर्ष महज 69 पैसे मूल्य बढाया गया है।जिसके चलते इस वर्ष 2369 रु प्रति क्विंटल के हसाब से धान की खरीदी होनी है। लेकिन किसानों के साथ ही किसान संगठनए जिला सरपंच संघए किसान गर्जनाए और जनपद सदस्य संघ सहित विभिन्न संगठनोंए द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान की गई घोषणा के अनुरूप किसानों को उनकी धान की उपज का मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल मूल्य देने की मांग की जा रही है।

छग में वादा पूरा तो मप्र में क्यों नहीं

किसानों की सरकार के प्रति नारजगी बढ़ रही है। 3100 समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग किसानों ने की है। किसानों के अनुसार विधानसभा चुनाव के दौरान मप्र व छत्तीसगढ़ राज्य में भाजपा ने 3100 रुपए धान का समर्थन मूल्य दिए जाने की घोषणा की गई थी। छग में तो वादा को पूरा किया गया, लेकिन मप्र में इसे पूरा नहीं किया गया है। किसान परेशान है। मजबूरी में 2369 रुपए के दाम पर फसल बेचने के लिए स्लाट बुक करा रहे हंै। हालांकि पहले दिन कम संख्या में किसानों स्लाट बुक कराया।