
वारासिवनी से गोंदिया की 16 किमी. की कम हुई दूरी
वारासिवनी से गोंदिया, रायपुर, तिरोड़ा जाने के लिए आवागमन की एक नई सुविधा सुलभ हो गई है। वारासिवनी से बेनी-साकड़ी-डांगोरली रोड पर वैनगंगा नदी पर जिले के साकड़ी घाट एवं महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया जिले के डांगोरली घाट पर लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल बनकर तैयार हो गया है। इस पुल से आवागमन चालू हो गया है। इस पुल के बनने से वारासिवनी क्षेत्र के लोगों को महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया जाना हो तो उन्हें बालाघाट आने की आवश्यकता नहीं है। अब वे वारासिवनी से सीधे बेनी, साकड़ी, डांगोरली होते हुए गोंदिया पहुंच सकते हैं। उन्हें 16 किमी का चक्कर नहीं लगाना होगा। उनके श्रम, समय एवं अर्थ की भी बचत होगी। इस पुल के बनने से अब वे डांगोरली से सीधे गोंदिया पहुंच सकते हैं।
वैनगंगा नदी के साकड़ी-डांगोरली घाट पर पुल निर्माण के पूर्व वैनगंगा नदी पर आस-पास कोई पुल नहीं था। नदी के दोनों ओर की दूरी आधे किमी से कुछ ही अधिक होने के बाद भी पुल नहीं होने से यह दूरी मिलों लंबी लगती थी। नदी के दूसरी ओर जाने के लिए लोगों को बहुत सोचना होता था और नदी पार करने में जोखिम भी रहता था। लोगों को नाव के सहारे एक छोर से दूसरे छोर पर आना जाना होता था। इससे कई दुर्घटनाएं हो जाती थी। वर्षा ऋतु में स्थिति और भी गंभीर हो जाती थी। वर्षा के दिनों में नदी पार करने के लिए लोगों को अधिक दाम देकर नांव का सहारा लेना पड़़ता था। लेकिन अब बालाघाट एवं महाराष्ट्र के गोंदिया जिले की जनता को आवागमन के लिए अच्छी सुविधा सुलभ हो गई है।
इस पुल के बनने से बेनी, साकड़ी, सतोना एवं आसपास के ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों की आर्थिक गतिविधियां बढ़ गई है। अब वे अपने कृषि उत्पाद, दूध एवं अन्य सामग्री कम समय में और कम लागत में गोंदिया व तिरोड़ा ले जाने लगे हैं। यह पुल एक तरह से अपने आसपास के ग्रामों के लिए आर्थिक विकास के द्वार खोलने लगा है। पुल बनने से ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बड़े एवं अच्छे अस्पताल पहुंचने में आसानी हो गई है। क्षेत्र के युवाओं को शिक्षा, व्यापार एवं रोजगार के लिए पड़ोस के गोंदिया जाने में सुविधा हो गई है। यह पुल वैनगंगा नदी के दोनों ओर के ग्रामीणों के आपसी रिश्ते को प्रगाढ़ और मजबूत बनाएगा।
लोक निर्माण सेतु संभाग के कार्यपालन यंत्री अर्जुन सिंह सनोडिया ने बताया कि पुल बनने से आस पास के 9 ग्राम के 578 अनुसूचित जाति, 404 अनुसूचित जनजाति एवं 10 हजार 178 अन्य जातियों के इस प्रकार कुल 11 हजार 160 ग्रामवासियों की गरीबी उन्मूलन, शैक्षणिक, सामाजिक विकास आदि में मदद मिलेगी। विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा एवं किसानों के उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में यह पुल एक मील का पत्थर साबित होगा।
वर्सन
शासन एवं जनप्रतिनिधियों के अथक प्रयासों से वारासिवनी, बेनी, साकडी, डागोंरली मार्ग पर वैनगंगा नदी पर 550 मीटर लंबाई के उच्च स्तरीय पुल निर्माण के लिए मप्र शासन द्वारा 30 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई थी। 30 नवंबर 2019 को इस पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया था, जो लगभग 25 करोड़ की लागत से 16 मार्च 2023 को पूर्ण हो गया है।
अर्जुन सिंह सनोडिया, कार्यपालन यंत्री
Published on:
31 Oct 2025 11:54 am
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