
बालोद जिले में 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 143 केंद्रों में की जा रही है। सेवा सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक, ऑपरेटर व प्यून की हड़ताल से धान खरीदी प्रभावित हुई है। इन कर्मचारियों ने 3 नवंबर से चार सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल करने के बाद सोमवार को जिले के लगभग 610 कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम दिया है। इसके बाद मंगलवार की सुबह 5 व 7 बजे के बीच आंदोलन का नेतृत्व कर रहे पांच कर्मचारियों को पुलिस उनके घर जाकर उठाकर थाने ले आई और फिर कंट्रोल रूम में रखा। जैसे ही इसकी जानकारी सेवा सहकारी समिति संघ के सदस्यों को मिली तो पुलिस कंट्रोल में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। साथियों को सही सलामत रिहा करने की मांग करने लगे। लगभग तीन घंटे तक पुलिस कंट्रोल रूम में प्रदर्शन किया। देर शाम सभी कर्मचारी को रिहा कर दिया गया।
अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक ने कहा कि सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं। लेकिन बैठ कर चर्चा करने से भी हल निकल सकता है। हमने इन कर्मचारियों को बुलाया था, लेकिन वे लोग नहीं आए।
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सेवा सहकारी समिति कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के जिला अध्यक्ष प्रेम योगेश कुमार ने कहा कि अधिकारी चर्चा के लिए बुला रहे हैं। हम भी चाहते हैं अधिकारी हम सभी कर्मचारियों के पीच आकर चर्चा करें। शासन प्रशासन हमारी मांगों और पीड़ा को समझे। उन्होंने कहा कि कितना दबाव से काम कराते है, हमारी जगह अधिकारी जिम्मेदारी निभाएं तो समझ में आ जाएगा कि आखिर परेशानी क्या होती है।
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पुलिस ने जिन कर्मचारियों को उनके घर से उठाया, उसमें डोमेंद्र कुमार राय बडग़ांव, प्रेमु लाल भंडारी पिनकापर, खेमू साहू अरकार व पुरबल मंडावी घोठिया व सिकोसा समिति के सहायक प्रबंधक सदस्य खेमराज साहू शामिल हैं। सभी को पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा है। हालांकि भारी विरोध के बाद पुलिस ने खेमराज को छोड़ दिया। बाकी सदस्य को पुलिस की निगरानी में पुलिस कंट्रोल रूम में रखा गया था, उन्हें भी शाम 6.30 बजे छोड़ दिया गया।
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ग्राम मनौद सेवा सहकारी समिति के सहायक प्रबंधक यशवंत साहू ने बताया कि सुबह 6.30 बजे हमारे घर भी पुलिस आई थी, लेकिन वह पहले से ही सूचना मिलने के बाद घर से बाहर थे।
सेवा सहकारी समिति कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गजेंद्र देशमुख ने कहा कि प्रांतीय आव्हान पर हमने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। फिर इस तरह की कार्रवाई क्यों की जा रही है, यह दबाव अच्छी बात नहीं है।
इन कर्मचारियों के समर्थन में पहुंचे जिला कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी ने कहा कि भाजपा सरकार न कर्मचारियों का हित चाहती है और न किसानों का। इन कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना चाहिए। कोई आंदोलन करे तो इस तरह तानाशाही कार्रवाई करती है। जल्द इन कर्मचारियों की मांगों को पूरा करें और किसानों को सरकार परेशान न करें।
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Published on:
18 Nov 2025 11:39 pm
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