
दीपावली Diwali के दौरान पटाखा Fire Crackers जनित हादसों से निपटने के लिए शहर के विक्टोरिया और मिंटो अस्पताल ने पूरी तैयार कर ली है। अलग से बिस्तर भी आरक्षित किए गए हैं। जलने के गंभीर मामलों के लिए आइसीयू और वेंटिलेटर की व्यवस्था भी की गई है।
बेंगलूरु मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के अंतर्गत संचालित मिंटो अस्पताल Minto Hospital के प्रभारी निदेशक डॉ. शशिधर ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पटाखे जलाते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताते हुए कहा कि ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल पर्यावरण और आपकी सेहत के लिए अच्छा है।उन्होंने कहा, पिछली दिवाली पर पटाखों की वजह से कई लोग जल गए थे। इनमें से 19 फीसदी की आंखें क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इनमें से 40 फीसदी 14 साल से कम उम्र के बच्चे थे। इसलिए बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। पटाखे जलाते समय पास में पानी की एक बाल्टी रखनी चाहिए।
जहां तक संभव हो पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पटाखे नहीं जलाने चाहिए। बच्चों को अपने माता-पिता के मार्गदर्शन में ही पटाखे फोडऩे चाहिए। मुख्य रूप से, 28 प्रतिशत लोग पटाखे फोडऩे गए और मुसीबत में फंस गए, जबकि 18 प्रतिशत लोग पटाखे देखने गए और हादसे का शिकार हो गए। पिछली बार मिंटो अस्पताल में 71 लोगों का इलाज किया गया था।
अस्पताल में 24 घंटे इलाज उपलब्ध रहेगा। जरूरतमंद लोग हेल्पलाइन 0802670 7176, 08026706221 पर संपर्क कर सकते हैं। पटाखा विस्फोट में घायल हुए लोगों के लिए 25 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। पुरुषों और महिलाओं के लिए दस-दस बिस्तर और बच्चों के लिए पांच बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।
चिकित्सकों, नर्सों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। चिकित्सक चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगे। ड्रेसिंग सामग्री, एंटीबायोटिक्स और फ्लूड सहित अन्य दवाओं आदि का पर्याप्त भंडार है। ऑपरेशन की जरूरत पडऩे पर ऑपरेशन थिएटर सहित अन्य व्यवस्थाएं भी दुरुस्त रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्लास्टिक सर्जरी विभाग को भी पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कहा गया है।
Published on:
19 Oct 2025 02:01 pm
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