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दो वर्षीय बच्ची पूरी रात जंगल किनारे बिताने के बाद सुरक्षित मिली

मधुमक्खी पालन से जुड़े दंपती सुनील और नागिनी शनिवार को अपनी दो वर्षीय बेटी सुनन्या को एस्टेट लाइन-हाउस के पास अन्य बच्चों के साथ खेलते छोड़कर काम पर चले गए थे। लेकिन शाम को लौटने पर उन्हें पता चला कि सुनन्या गायब है। अन्य बच्चों को भी उसके बारे में कुछ पता नहीं था।

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Indian forest

Indian forest (representational Photo)

राज्य Karnataka के दक्षिण कोडुगू तालुक के बी. शेट्टिगेरी ग्राम के पास कॉन्गाना गांव में एक दो वर्षीय बच्ची के लापता होने से पूरे क्षेत्र में चिंता और खलबली मच गई। लेकिन, एक दिन बाद बच्ची के सुरक्षित मिलने से जंगल Forest की सीमा से लगे इस गांव में राहत और खुशी का माहौल है।

मधुमक्खी पालन से जुड़े दंपती सुनील और नागिनी शनिवार को अपनी दो वर्षीय बेटी सुनन्या को एस्टेट लाइन-हाउस के पास अन्य बच्चों के साथ खेलते छोड़कर काम पर चले गए थे। लेकिन शाम को लौटने पर उन्हें पता चला कि सुनन्या गायब है। अन्य बच्चों को भी उसके बारे में कुछ पता नहीं था।

सर्च ऑपरेशन

घबराए माता-पिता और अन्य एस्टेट कर्मचारी तुरंत सुनन्या की खोज में जुट गए। जब बच्ची का कोई पता नहीं चला, तो एस्टेट मालिक को सूचना दी गई और बाद में गोनिकोप्पल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई। वन विभाग भी खोज अभियान में शामिल हुआ। जंगल की ओर तलाशी लेते समय वनकर्मियों को बाघ के पदचिन्ह और एक आंशिक रूप से खाया हुआ जंगली जानवर का शव मिला, जिससे सभी की चिंता बढ़ गई। इसके बावजूद 30 से अधिक वनकर्मी आधी रात तक बच्ची की तलाश करते रहे।

ग्रामीणों और पालतू कुत्तों की मदद

रविवार सुबह स्थानीय ग्रामीण, ग्राम पंचायत अध्यक्ष कोल्लिरा बोपन्ना और उनके साथी अनिल कलप्पा भी तलाश में शामिल हुए। अनिल ने अपने चार पालतू कुत्तों—ओरियो, ड्यूक, लाला और चुक्की को भी सर्च ऑपरेशन में लगाया। कुत्तों ने एस्टेट क्षेत्र को बारीकी से सूंघकर जांचा। इस दौरान अचानक ओरियो एस्टेट के ऊंचे स्थान पर जोर-जोर से भौंकने लगा। जब ग्रामीण उस दिशा में पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि सुनन्या एक कॉफी के पौधे के पास सुरक्षित बैठी हुई थी।गोनिकोप्पल पुलिस स्टेशन के प्रभारी प्रदीप कुमार ने माता-पिता और ग्रामीणों को सलाह दी कि छोटे बच्चों को जंगल किनारे वाले क्षेत्रों में अकेला न छोड़ें और सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें।