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जिले में अब तक 67.84 प्रतिशत मतदाताओं की मैपिंग

अंता विधानसभा को छोडकऱ अन्य किशनगंज, बारां-अटरु एवं छबड़ा के सभी मौजूदा मतदाताओं के लिए नए गणना फॉर्म (ईएफ) की छपाई और घर-घर जाकर वितरण का काम विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो चुका है।

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बारां

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Mukesh Gaur

Nov 07, 2025

अंता विधानसभा को छोडकऱ अन्य किशनगंज, बारां-अटरु एवं छबड़ा के सभी मौजूदा मतदाताओं के लिए नए गणना फॉर्म (ईएफ) की छपाई और घर-घर जाकर वितरण का काम विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो चुका है।

अंता विधानसभा को छोडकऱ अन्य किशनगंज, बारां-अटरु एवं छबड़ा के सभी मौजूदा मतदाताओं के लिए नए गणना फॉर्म (ईएफ) की छपाई और घर-घर जाकर वितरण का काम विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो चुका है।

विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम 2026 : एसआईआर का हो रहा क्रियान्वयन

बारां. जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत गणना प्रपत्र बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर वितरित किए गए हैं। जिले में अब तक कुल 67.84 प्रतिशत मतदाताओं की मैङ्क्षपग का कार्य किया जा चुका है।

जिला निर्वाचन अधिकारी रोहिताश्व तोमर ने बताया कि जिले की अंता विधानसभा को छोडकऱ अन्य किशनगंज, बारां-अटरु एवं छबड़ा के सभी मौजूदा मतदाताओं के लिए नए गणना फॉर्म (ईएफ) की छपाई और घर-घर जाकर वितरण का काम विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो चुका है। एसआईआर से संबंधित सभी गतिविधियां निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अच्छी तरह से आगे बढ़ रही हैं।

वर्तमान मतदाताओं की मैङ्क्षपग जारी

जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदाता सूचियां आयोग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गयी है। साथ ही यह ङ्क्षलक मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि विगत एसआईआर की मतदाता सूची में अगर किसी वर्तमान मतदाता के माता-पिता या दादा-दादी आदि का नाम शामिल है तो सटीक और सत्यापित पारिवारिक संबंध के माध्यम से वंशावली मानचित्रण (मैङ्क्षपग) की जा रही है।

तोमर ने बताया कि जिले में 40 वर्ष से अधिक आयु के 84.67 प्रतिशत मतदाताओं की मैङ्क्षपग की जा चुकी है, इसके साथ ही 40 वर्ष एवं इससे कम आयु के 54.29 प्रतिशत मतदाताओं की भी मैङ्क्षपग उनके परिवारजन के विवरण की सहायता से कर ली गई है, इस प्रकार जिले के कुल 67.84 मतदाता विगत विशेष गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची से मैप हो गए हैं अर्थात इन्हें इस संपूर्ण प्रक्रिया में केवल गणना प्रपत्र में सूचनाओं को भरना है एवं किसी भी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं देना है। अंता में विधानसभा उपचुनाव होने के कारण वहां यह कार्यक्रम अभी प्रारंभ नहीं किया गया है।

मैपिंग से फायदा

जिले के वे सभी मतदाता जिनका मिलान देश के किसी भी राज्य के विगत विशेष गहन पुनरीक्षण की मतदाता सूची के साथ हो जाता है तो उन्हें इस संपूर्ण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार के दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं रहेगी। इस तरह से मैपिंग मतदाताओं के लिए एक सुविधा जनित प्रक्रिया है।

मैपिंग से प्राप्त सूचना कहां भरे

4 नवंबर से 4 दिसंबर के बीच जारी गणना चरण के दौरान बीएलओ प्रत्येक मतदाता के घर दो प्रति में गणना प्रपत्र लेकर आ रहे हैं। इस गणना प्रपत्र में कुछ हिस्सा पूर्व मुद्रित है जिसमें मतदाता की सामान्य जानकारी है जैसे नाम, ईपिक नंबर, पता, मतदाता सूची की क्रम संख्या, भाग संख्या एवं विधानसभा क्षेत्र, इसके अतिरिक्त इस गणना प्रपत्र में मतदाता की सामान्य जानकारी जैसे पिता अथवा अभिभावक का नाम, माता का नाम, मोबाइल नंबर जीवनसाथी की सूचना आदि भी भरे जाने हैं। इन सूचनाओं के अतिरिक्त मतदाता अगर विगत विशेष गहन पुनरीक्षण के समय की मतदाता सूची में शामिल था तो उन्हें उस समय की मतदाता सूची का क्रमांक, भाग संख्या, विधानसभा क्षेत्र, जिला आदि भरने हैं और अगर शामिल नहीं था तो अपने रिश्तेदार जैसे माता-पिता, दादा-दादी, नाना -नानी में से जो भी उस समय मतदाता थे उनका विवरण भरकर गणना प्रपत्र बीएलओ को जमा करवाना है। इस प्रकार से गणना प्रपत्र में ही मैङ्क्षपग का विवरण भरा जाना है। उन्होंने कहा कि हर योग्य मतदाता 4 दिसंबर तक अपनी एक नवीनतम रंगीन फोटो एवं आवश्यक सूचनाओं के साथ भरा हुआ गणना प्रपत्र अपने बीएलओ को जमा करा कर स्वच्छ एवं सही मतदाता सूची निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें एवं लोकतंत्र के प्रति अपने कर्तव्य का पालन करें।

ये जिले सबसे आगे

प्रदेश में गणना प्रपत्र वितरण में प्रभावशाली रणनीति के कारण चित्तौडगढ़़ एवं अलवर जिले लगातार दो दिन से अग्रणी चल रहे हैं। मौजूदा मतदाताओं के लिए नए गणना फॉर्म (ईएफ) की छपाई और घर-घर जाकर वितरण का काम 199 विधानसभा क्षेत्रों में शुरू हो चुका है। एसआईआर से संबंधित सभी गतिविधियां निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रही हैं।

यह मैपिंग में अग्रणी

मैपिंग के इस कार्य में जो जिले अग्रणी बाड़मेर, नागौर, बालोतरा, जालौर और दौसा सबसे आगे हैं, जोधपुर, जयपुर, कोटा, श्रीगंगानगर एवं अजमेर जिलों में इस कार्य को और अधिक सजगता एवं तत्परता से किए जाने की आवश्यकता है।