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दोपहर तक रिपोर्ट की कतार, उसके बाद मिल रहा उपचार

जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन दो-तीन सौ मरीजों की करीब एक हजार तरह की जांचे प्रतिदिन की जा रही है। हालांकि इन दिनों बीमारियों को लेकर हेल्दी सीजन होने से जांचों का यह आंकड़ा गर्मी और उमस वाले सीजन की अपेक्षा कम है, फिर भी जांच रिपोर्ट के लिए दोपहर दो बजे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

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बारां

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Mukesh Gaur

Nov 25, 2025

जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन दो-तीन सौ मरीजों की करीब एक हजार तरह की जांचे प्रतिदिन की जा रही है। हालांकि इन दिनों बीमारियों को लेकर हेल्दी सीजन होने से जांचों का यह आंकड़ा गर्मी और उमस वाले सीजन की अपेक्षा कम है, फिर भी जांच रिपोर्ट के लिए दोपहर दो बजे तक इंतजार करना पड़ रहा है।

source patrika imege

शुरूआती सर्दी में बीमार होने की अधिक रहती है आशंका

बारां. मौसम में ठंडक घुलने के साथ ही लोगों की सेहत प्रभावित होने लगी है। इससे अस्पतालों में सर्दी जनित बीमारियों के मरीज पहुंच रहे हैं। अधिक दिनों तक सर्दी, खांसी, जुकाम रहने पर जांच कराने की नौबत भी आ रही है। जांच केन्द्र पर भी मरीजों की कतार लग रही है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन औसतन दो-तीन सौ मरीजों की करीब एक हजार तरह की जांचे प्रतिदिन की जा रही है। हालांकि इन दिनों बीमारियों को लेकर हेल्दी सीजन होने से जांचों का यह आंकड़ा गर्मी और उमस वाले सीजन की अपेक्षा कम है, फिर भी जांच रिपोर्ट के लिए दोपहर दो बजे तक इंतजार करना पड़ रहा है। दो बजे बाद रिपोर्ट लेकर मरीज चिकित्सक को दिखाने पहुंचता है, उसके बाद दवा ओर फिर मरीज को पहली खुराक लेने में शाम हो जाती है। इस तरह सुबह अस्पताल पहुंचने पर जांच वाले मरीज का तो शाम से उपचार शुरू हो रहा है।

दवा वितरण काउंटर भी अलग बनाया

जिला अस्पताल में मरीजों की समस्या को लेकर दवा वितरण केन्द्रों का दायरा बढ़ाया गया है। अब सर्दी, खांसी, जुकाम ओर सीओपीडी के मरीजों के संक्रमण को लेकर विशेष ध्यान रखा जा रहा है। इसके तहत ऐसे मरीजों के लिए अलग से अदानी ओपीडी ब्लॉक में नया दवा वितरण केन्द्र शुरू किया गया है। इसी तरह अब बुजुर्ग मरीजों के लिए अलग से वरिष्ठ नागरिक दवा वितरण केन्द्र शुरू किया गया है।

सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार, वायरल के मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं। वैसे एक-दो दिन खांसी, जुकाम तो मौसम के कारण होना सामान्य है, लेकिन अधिक दिनों तक आराम नहीं मिलता है तो जांच कराना पड़ रहा है। सर्दी और प्रदूषण के चलते पुराने अस्थमा मरीजों का मर्ज उभर आता है। इससे श्वांस, दमा के मरीज पहले से कुछ अधिक आ रहे है।

डॉ. महेन्द्र नागर, वरिष्ठ विशेषज्ञ, श्वांस, दमा, एलर्जी

बुखार के मरीजों की प्लेटलेट कम आ रही है। डेंगू के लक्षण भी मिल रहे है। इससे सर्दी से बचाव की जरूरत है। गर्म कपड़े पहने, गर्म ओर ताजा खाद्य पदार्थ का सेवन करें। शुरूआती और लौटती सर्दी में बीमारी की चपेट में आने की आशंका रहती है। इससे दमा, श्वास, खांसी के मरीज को विशेष एहतियात बरतना चाहिए। शादी समारोह व अन्य भीड़ वाले स्थान पर एहतियात से रहेें।

धनराज सुमन, वरिष्ठ विशेषज्ञ मेडिसिन, जिला अस्पताल