
बरेली। बरेली की सियासत और हालिया बवाल में गिरफ्तार आईएमसी का राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता नफीस की हकीकत अब खुलकर सामने आ चुकी है। जिसने जिंदगी की शुरुआत चश्मे की दुकान से की, वही खुद को “डॉक्टर नफीस” लिखने लगा। न डिग्री, न मेडिकल पढ़ाई—सिर्फ ऑप्टिक की दुकान चलाने वाला यह शख्स आज मौलाना तौकीर रजा का सबसे भरोसेमंद और करोड़ों का प्रॉपर्टी कारोबारी बन बैठा।
बिहारीपुर का रहने वाला नफीस “डॉक्टर खान ऑप्टिक” नाम से चश्मे की दुकान चलाता था। इसी आधार पर उसने नाम के आगे डॉक्टर जोड़ लिया। बुधवार को पुलिस ने जब उसे और उसके बेटे फरमान को जेल भेजा, तब यह सच उजागर हुआ कि उसके पास किसी तरह की मेडिकल डिग्री नहीं है।
वर्ष 2000 में नफीस मौलाना तौकीर रजा के संपर्क में आया और धीरे-धीरे उसका राइट हैंड बन गया। आईएमसी को उसने समाजसेवा के नाम पर बताया लेकिन जल्द ही मौलाना की राजनीतिक महत्वाकांक्षा हावी हुई और संगठन पार्टी में बदल गया।
तौकीर की नज़दीकी ने नफीस को रसूख और ताकत दी—इसी ताकत से उसने प्रॉपर्टी कारोबार में कदम रखा और करोड़ों की संपत्ति बना डाली। नोवेल्टी चौराहे से लेकर किला तक नफीस के पास करोड़ों की प्रॉपर्टी है।
नफीस पर सिर्फ राजनीतिक ही नहीं, बल्कि आपराधिक आरोप भी हैं।
एक मामले में उसने इंस्पेक्टर को हाथ काटने की धमकी दी थी।
बरेली बवाल में इसका नाम शुरुआत में नहीं था, लेकिन भूमिका उजागर होने पर खलील तिराहा हिंसा में इसे गिरफ्तार किया गया।
पुलिस मान रही है कि इसके खिलाफ और मुकदमे भी खुल सकते हैं।
नफीस का आठवीं पास बेटा फरमान आईएमसी का सोशल मीडिया पेज संभालता था।
25 सितंबर की रात जब प्रशासन के दबाव में प्रदर्शन वापस लेने की अपील जारी हुई, तो फरमान ने इसे फेसबुक पेज पर डाला।
कुछ देर बाद ही इसे डिलीट कर दिया गया।
फरमान को भी उपद्रव में शामिल पाकर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा।
पुलिस पूछताछ में नफीस ने खुलासा किया कि मौलाना को पहले रोकने की कोशिश हुई थी। उसने और नदीम ने अपील भी जारी की थी, मगर मौलाना के करीबी अल्तमश, फरहत, मुनीर इदरीशी और अनीस सकलैनी ने उसे भड़का दिया। वीडियो बनवाकर वायरल किया गया और देखते ही देखते उपद्रव भड़क उठा।
Published on:
02 Oct 2025 10:14 am
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