
बरेली। जिला स्वास्थ्य समिति की सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर सख्त रुख दिखाया। उन्होंने साफ कहा कि कुछ लोगों की लापरवाही से पूरे समाज को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। टीकाकरण से इनकार करने वालों पर अब प्रशासन कठोर कार्रवाई करेगा।
बैठक के दौरान वेब परिवारों की समीक्षा में पाया गया कि ऐसे परिवारों की सूची जिला पूर्ति अधिकारी को भेज दी गई है, ताकि उनका कोटेदार से मिलने वाला राशन बंद कराया जा सके। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि टीकाकरण न कराने वाले परिवारों की जानकारी उप जिलाधिकारियों को देकर कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए। बैठक में एक मामला सामने आया कि शेरगढ़ ब्लॉक के एक ग्रामीण ने टीका लगवाने के लिए दस हजार रुपये की मांग रखी। इस पर डीएम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि एक व्यक्ति की जिद से समाज के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई होगी।
जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत संस्थागत प्रसव में बढ़ोतरी को देखते हुए डीएम ने अधिकारियों को इस संख्या को और बढ़ाने के निर्देश दिए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं के भुगतान पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि सितंबर तक भुगतान हो चुका है और अक्टूबर का भुगतान 15–20 दिन में हो जाएगा। बैठक में शहरी क्षेत्र की आशा वर्षा सक्सेना, रानी, प्रभापाल, साधना शर्मा, चांदनी रस्तोगी, कल्पना, आशा देवी और डॉली के खराब कार्य पर उनकी सेवा समाप्ति का प्रस्ताव पेश किया गया, जिस पर समिति ने सहमति दे दी। इसी प्रकार बिथरीचैनपुर सीएचसी की तीन आशाओं मोना, निरंजना और रजनी के विरुद्ध भी लापरवाही के चलते कार्रवाई तय हुई।
उधर, नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गंगापुरम में तैनात संविदा सपोर्ट स्टाफ ज्योति प्रकाश पर आशा भुगतान वाउचर को रद्दी में फेंकने के आरोप की जांच सही पाई गई। समिति ने उनकी सेवा समाप्ति पर भी सहमति दे दी। डीएम ने अंत में चेतावनी दी कि जिसे जो जिम्मेदारी दी गई है, उसे हर हाल में ईमानदारी से पूरा करना होगा, अन्यथा कठोर कदम उठाए जाएंगे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी देवयानी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विश्राम सिंह समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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Updated on:
24 Nov 2025 08:31 pm
Published on:
24 Nov 2025 07:58 pm
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