
बरेली। कथासाहित्य की दुनिया में ‘नवयुग के तुलसीदास’ की उपाधि प्राप्त पंडित राधेश्याम कथावाचक की प्रतिमा अब जीआईसी ऑडिटोरियम की शान बढ़ाएगी। जिले के विकास कार्यों की समीक्षा और प्रस्तावित कार्यक्रमों पर चर्चा जिलाधिकारी अविनाश सिंह लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कर चुके हैं।
ऑडिटोरियम का नाम बदलकर ‘स्व. पंडित राधेश्याम कथावाचक स्मृति भवन’ करने का भी निर्णय हुआ।
मुख्यमंत्री अपने संभावित दौरे (25 नवंबर–10 दिसंबर) में प्रतिमा का अनावरण करने के साथ 22 अरब रुपये से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
मूर्तिकार संदीप पटेल द्वारा निर्मित प्रतिमा ऑडिटोरियम में स्थापित करने के लिए तैयार है। इसके ठीक सामने जिला पंचायत परिसर में रहने वाली पंडित राधेश्याम की पौत्री शारदा भार्गव ने अपने आवास का एक कमरा स्मृति कक्ष के रूप में समर्पित किया है। इसी स्थान पर ‘पंडित राधेश्याम संग्रहालय’ विकसित किया जाएगा, जिसमें कथावाचक की पांडुलिपियां, विरासत और जीवन-संबंधी सामग्री प्रदर्शित होगी।
100 एकड़ में इंप्लॉयमेंट
शहर को मिलेंगी कई सौगातें—ईडब्ल्यूएस आवास से लेकर रोटरी तक
मुख्यमंत्री ने अवैध कब्जे हटाकर सरकारी भूमि पर ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए आवासीय इकाइयां का निर्देश दिया है।
दामोदर स्वरूप पार्क–अटल सेतु मार्ग पर रोटरी न होने से ट्रैफिक अव्यवस्था और दुर्घटना की आशंका बनी रहती थी। अब लखनऊ मॉडल पर यहां भव्य रोटरी बनाने का निर्णय हुआ है। इसके मध्य में अशोक स्तंभ और चारों दिशाओं में धावक घोड़ों की प्रतिमाएं स्थापित होंगी। इसका मॉडल तैयार हो चुका है।
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर 100 एकड़ में बड़े इंप्लॉयमेंट जोन की परिकल्पना को भी सीएम ने हरी झंडी दे दी है। डीएम ने संबंधित विभागों को जमीन चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।
1890 में बिहारीपुर में जन्मे पंडित राधेश्याम ने 1913 में अपनी काव्यात्मक शैली में ‘राधेश्याम रामायण’ की रचना की, जो आज भी रामलीलाओं की मूल आधारशिला मानी जाती है। हिंदी, उर्दू, अवधी और ब्रजभाषा के मिश्रण से तैयार इस कृति की लगभग पौने दो करोड़ प्रतियां उनके जीवनकाल में ही बिक चुकी थीं। नेपाल नरेश ने भी उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया था। रामायण के अलावा उन्होंने 18 अतिरिक्त नाट्य कृतियों की भी रचना की।
सीएम ने नाथ नगरी बरेली महोत्सव को अनुमति देते हुए कहा कि पांचाल नगरी की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को भव्य स्वर में प्रस्तुत किया जाए। यह बरेली का अब तक का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन होगा।
25 दिसंबर को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर बरेली में ‘अटल मैराथन’ आयोजित की जाएगी। इसमें राष्ट्रीय स्तर के धावकों के साथ आम नागरिक भी हिस्सा लेंगे।
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Published on:
18 Nov 2025 09:36 am
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