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प्लॉट देने का सपना दिखाकर ठगे करोड़ों, 6 साल बाद हत्थे चढ़ा मास्टरमाइंड, बरेली से हैदराबाद तक फैला ठगी का नेटवर्क

प्लॉट दिलाने के नाम पर करोड़ों की कमाई कर गायब हुआ ठग पवन शर्मा आखिरकार पकड़ में आ गया। छह साल से फरार चल रहा यह आरोपी मंगलवार सुबह झुमका चौराहे पर प्रेमनगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

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बरेली। प्लॉट दिलाने के नाम पर करोड़ों की कमाई कर गायब हुआ ठग पवन शर्मा आखिरकार पकड़ में आ गया। छह साल से फरार चल रहा यह आरोपी मंगलवार सुबह झुमका चौराहे पर प्रेमनगर पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था।

एसपी सिटी मानुष पारीक ने खुलासा करते हुए बताया कि 2010-11 में प्रेस्टीज इंफ्रा डेवलपर्स और तथाकथित प्रेस्टीजियस आवासीय समिति के नाम पर चौधरी कॉम्प्लेक्स से कंपनी चलाई गई। प्लॉट देने का झांसा देकर लोगों से किस्तों में मोटी रकम वसूली गई। भरोसा बढ़ाने के लिए पूरे स्टाफ में रिश्तेदारों को ही बैठाया गया। 2019 में मामला खुला तो प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ लेकिन मास्टरमाइंड पवन शर्मा तब तक रफूचक्कर हो चुका था।

हैदराबाद में भी पकड़ा गया था 1.10 करोड़ की साइबर ठगी

आरोपी ने पकड़े जाने के बाद उसने चौंकाने वाला खुलासा किया है, बोला- हैदराबाद में भी 1 करोड़ 10 लाख की साइबर फ्रॉड में मेरी गिरफ्तारी हुई थी। यानी ठगी का खेल बरेली से लेकर दक्षिण भारत तक फैला हुआ था। इस शातिर पर ठगी, गबन, धमकी और जालसाजी जैसे गंभीर आरोपों में 12 मुकदमे दर्ज हैं। बरेली, कासगंज, शाहजहांपुर, खीरी, रामपुर, पीलीभीत, वाराणसी और बदायूं तक लंबी लिस्ट है।

एक-एक शहर में ऑफिस, एक-एक जेब में किस्त, फिर हवा

आरोपी ने खुलासा किया कि कंपनी में पैसे लेने का पूरा सिस्टम इंस्टॉलमेंट पर रखा गया था ताकि शिकायत तुरंत ना हो, और जब रकम जमा हो जाए तो शटर गिराकर रातों-रात रफूचक्कर हो जाता था। मंगलवार सुबह 9:30 बजे झुमका चौराहा पर पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को गिरफ्तार करने में प्रेमनगर इंस्पेक्टर प्रयागराज सिंह, दरोगा मो सरताज, आशीष कुमार, कांस्टेबल अनित और अनुराग शामिल रहे।