
बरेली। मौलाना तौकीर रजा के बाद अब इस्लामिक स्कॉलर मुफ्ती सलमान अजहरी भी बरेली पुलिस की रडार पर आ गए हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया पर नाबालिग की पुलिस कस्टडी में मौत और उसके बाद कर्फ्यू व इंटरनेट बंद होने की झूठी अफवाह फैलाई, जिससे शहर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
बरेली पुलिस ने तुरंत इस दावे का खंडन किया और इसे पूरी तरह फर्जी बताया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि न तो किसी नाबालिग की कस्टडी में मौत हुई है और न ही कहीं कर्फ्यू लगाया गया है। इंटरनेट सेवाएं भी पूरी तरह सामान्य हैं। पुलिस ने चेतावनी दी है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मालूम हो कि मुफ्ती सलमान अजहरी मुंबई के इस्लामिक स्कॉलर हैं और जामिया रियाजुल जन्नाह व अल अमन एजुकेशन एंड वेलफेयर ट्रस्ट के संस्थापक हैं। अजहरी मिश्र से पढ़ाई कर चुके हैं और धार्मिक व सामाजिक मंचों पर सक्रिय रहते हैं। हालांकि, वे कई बार विवादों में भी घिर चुके हैं। इस साल फरवरी में गुजरात पुलिस ने उन्हें जूनागढ़ में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। हाल ही में वे बरेली आए और आला हजरत के उर्स में शामिल हुए थे।
बरेली में हुए दंगे के बाद से ही एसएसपी अनुराग आर्य का साफ कहना है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। शहर का माहौल बिगाड़ने की साजिश किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और फर्जी खबरें फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
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Published on:
30 Sept 2025 09:44 pm
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