
बरेली। शहर के शास्त्री नगर में सोमवार सुबह केंद्रीय जीएसटी टीम ने परसाखेड़ा में फैक्ट्री संचालित करने वाले कारोबारी तरुण अग्रवाल के घर पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान टीम को घर में भारी मात्रा में नकदी मिली, जो प्लास्टिक के बोरों में भरी हुई थी। धनराशि इतनी अधिक थी कि उसकी गिनती के लिए आयकर विभाग को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से नोट गिनने की मशीन मंगवानी पड़ी। मशीन आने के बावजूद नोटों की पूरी गिनती करने में करीब 10 घंटे लग गए।
सूत्रों के मुताबिक, कारोबारी के घर से बरामद नोट गड्डियों के रूप में व्यवस्थित नहीं थे, बल्कि उन्हें यूं ही बोरों में भरकर रखा गया था। इसलिए सबसे पहले विभागीय टीम ने नोटों को गिनने योग्य गड्डियों में बांधा, फिर मशीन से गिनती शुरू की। जांच टीम ने पाया कि नकदी में ₹100, ₹200 और ₹500 के नोटों की गड्डियां थीं। शुरुआती गणना में यह रकम करीब छह करोड़ रुपये के आसपास निकली।
आयकर विभाग ने बरामद छह करोड़ रुपये की पूरी राशि को जब्त कर लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान घर से खरीद-बिक्री के कई दस्तावेज और रजिस्टर भी कब्जे में लिए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
छापेमारी के तीन दिन बीत जाने के बाद भी कारोबारी तरुण अग्रवाल की ओर से इस भारी भरकम नकदी के वैध स्रोत का कोई ठोस प्रमाण पेश नहीं किया गया है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जब तक कारोबारी अपनी आय और धन के स्रोत से जुड़ा स्पष्ट विवरण प्रस्तुत नहीं करते, तब तक यह रकम “संदिग्ध अथवा काला धन” मानी जाएगी। यदि आगे चलकर कारोबारी यह साबित कर पाते हैं कि यह राशि वैध है, तो उसी अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ग्रेटर नोएडा के सीजीएसटी अपर आयुक्त दर्पण अमरावत ने बताया कि यह छापेमारी नोएडा सीजीएसटी टीम द्वारा की गई। टीम अब नकदी के स्रोत, लेन-देन और कारोबारी की आर्थिक गतिविधियों से जुड़े प्रत्येक दस्तावेज की विस्तृत जांच कर रही है।
Updated on:
07 Nov 2025 11:12 am
Published on:
07 Nov 2025 11:11 am
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