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डिजिटल हाजिरी का सिस्टम फेल… शिक्षकों ने घेरा बीएसए दफ्तर, की जोरदार नारेबाजी, फिर हुआ ये

बच्चों की हाजिरी को डिजिटल करने की बेसिक शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना तकनीकी खामियों के चलते शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के लिए सिरदर्द बन गई है। एक तरफ जहां शिक्षक विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप पर लगातार सिस्टम फेल होने की शिकायत कर रहे हैं।

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बरेली। बच्चों की हाजिरी को डिजिटल करने की बेसिक शिक्षा विभाग की महत्वाकांक्षी योजना तकनीकी खामियों के चलते शिक्षक और प्रधानाध्यापकों के लिए सिरदर्द बन गई है। एक तरफ जहां शिक्षक विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप पर लगातार सिस्टम फेल होने की शिकायत कर रहे हैं।

वहीं बीएसए ने चेतावनी जारी कर दी है कि डिजिटल हाजिरी न देने पर पूरे स्कूल स्टाफ का वेतन रोक दिया जाएगा। इस आदेश के खिलाफ गुरुवार को शाम चार बजे स्कूलों के प्रधानाध्यापक और शिक्षक नेताओं ने बीएसए कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।

शिक्षकों का कहना है कि डिजिटल हाजिरी सुबह 9 से 10 बजे तक दर्ज करनी होती है, लेकिन इस दौरान सिस्टम बार-बार धोखा दे रहा है। कई स्कूलों में आवंटित टैबलेट सही से काम नहीं कर रहे। इज्जतनगर की प्रधानाध्यापक ने बताया कि हाजिरी मार्क करने के बाद भी डेटा सिंक नहीं हुआ। इसी तरह, प्राथमिक विद्यालय बंदिया और कंपोजिट स्कूल बारादरी में भी प्रधानाध्यापकों को तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

शहर के स्कूल परिसरों में भी हालत अलग नहीं है। जहां खंड शिक्षा अधिकारी तौसीफ अहमद और दिनेश चंद्र जोशी का कार्यालय है, वहीं प्रधानाध्यापक मो. ताहिर अकबर को भी हाजिरी दर्ज करने में तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

शिक्षक नेताओं ने कहा कि वे निर्धारित समय में हाजिरी दर्ज करने के लिए पूरे दिन सिस्टम से जूझते रहते हैं, जिसका असर सीधे बच्चों के पढ़ाई पर पड़ता है। उन्होंने विभाग से मांग की है कि जब तक तकनीकी ढांचा (टैबलेट, ऐप और नेटवर्क) पूरी तरह मजबूत नहीं हो जाता, वेतन कटौती जैसे कड़े कदम वापस लिए जाएं।