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राज्यपाल ने छात्रों को दी सीख, बोलीं- चार अंक कम आए तो क्या, खून में देशभक्ति होनी चाहिए

रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अटल सभागार में गुरुवार को 23वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्रों और पीएचडी धारकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए देशभक्ति का संदेश भी दिया।

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बरेली। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के अटल सभागार में गुरुवार को 23वें दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने मेधावी छात्रों और पीएचडी धारकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए देशभक्ति का संदेश भी दिया।

राज्यपाल ने दिल्ली में हाल ही में हुई घटना पर चिंता जताई और कहा कि पढ़े-लिखे लोग भी आतंकवादी प्रवृत्ति में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा चार अंक कम आएंगे तो चल जाएगा, लेकिन देशभक्ति खून में भरी होनी चाहिए। हमारी शिक्षा तभी कामयाब है जब वह हमारे विचारों को मजबूत करे, न कि पलट दे। उन्होंने विद्यार्थियों से सतर्क रहने और समाज के हर स्तर पर देशहित को समझने की अपील की।

राज्यपाल ने कहा कि जीवन निरंतर सीखने की प्रक्रिया है। केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि अनुभव और व्यवहार से ज्ञान अर्जित करना जरूरी है। उन्होंने कहा अपने सपनों को जीवित रखो, बड़ी सोच रखो, सशक्त संकल्प करो और कर्म को अपना धर्म बनाओ। यही सफलता का असली मंत्र है।

आनंदीबेन पटेल ने छात्राओं की उपलब्धियों की तारीफ की और कहा कि शिक्षा और अनुसंधान में छात्राएं निरंतर नई ऊचाइयां छू रही हैं। उन्होंने छात्रों और छात्राओं को समान अवसर और संसाधन मिलने की बात कहते हुए कहा मुझे खुशी है कि छात्राएं आगे बढ़ रही हैं, लेकिन छात्र भी पीछे नहीं रहना चाहिए।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा शुरू की गई लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड की भी सराहना की। इस पुरस्कार के पहले विजेता झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार को चुना गया, जिसे राज्यपाल ने प्रेरक परंपरा का उदाहरण बताया। दीक्षांत समारोह न सिर्फ विद्यार्थियों की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि देशभक्ति, नैतिकता और शिक्षा के महत्व का संदेश देने वाला भी साबित हुआ।