
जमींदोज हुई आरिफ की मार्केट
बरेली। 26 सितंबर के बवाल में जेल में बंद मौलाना तौकीर रजा के करीबी कॉलोनाइजर मोहम्मद आरिफ पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। शनिवार सुबह 11 बजे बीडीए की टीम ने पीलीभीत बाईपास रोड और जगतपुर में स्थित उसकी दो अवैध इमारतों पर ध्वस्तीकरण शुरू किया, जो करीब पांच घंटे तक गड़गड़ाहट के साथ चलता रहा।
बुलडोजर की मार से दो मंजिला मार्केट को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। वहीं शोरूम पर बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी गई है। कार्रवाई से पहले ही बारादरी पुलिस और आसपास के थानों की फोर्स ने पूरे क्षेत्र को चारों ओर से घेर लिया था। सीओ तृतीय पंकज श्रीवास्तव ने खुद मोर्चा संभालते हुए माइक पर लोगों को दूर रहने की हिदायत दी, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो सके।
बीडीए उपाध्यक्ष डॉ. ए. मनिकंडन ने बताया कि आरिफ ने जगतपुर में दो मंजिला मार्केट और पीलीभीत बाईपास पर कपड़ों के शोरूम सहित व्यापारिक इमारत बिना नक्शा पास कराए खड़ी कर ली थी। यहां जिम, होम डेकोर सेंटर और कई दुकानें चल रही थीं। जांच में निर्माण पूरी तरह अवैध पाया गया, जिसके बाद बीडीए ने 11 अक्टूबर को दोनों परिसरों को सील कर दिया था। शनिवार को बीडीए टीम 15 दुकानों और दो बड़े शोरूम को ढहाने पहुंची। जेसीबी ने पीछे की ओर से वार शुरू किया और कुछ ही मिनटों में दीवारें भरभराकर टूटने लगीं। मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात है, वहीं आसपास के लोग बड़ी संख्या में कार्रवाई देखने जुटे रहे।
आरिफ ने तीन साल पहले जगतपुर की मार्केट में दुकानें 30-30 लाख रुपये में बेची थीं। जो दुकानें नहीं बिकीं, उन्हें किराये पर दे दिया था और आठ-नौ हजार रुपये महीना वसूलता था। दुकानदारों का आरोप है कि सीलिंग के वक्त उन्हें सामान तक निकालने नहीं दिया गया। पीलीभीत रोड स्थित उसके व्यापारिक भवन का भी कोई मानचित्र या रिकॉर्ड नहीं मिला। ध्वस्तीकरण के दौरान पीलीभीत बाईपास पर यातायात रोक दिया गया। सुरक्षा के चलते बिजली सप्लाई भी पूरी तरह बंद रखी गई।
जगतपुर के मोहम्मद इलियास ने बताया कि ढाई साल पहले जब मार्केट बन रही थी तो आरिफ का रुतबा देखने लायक था। लेकिन आज उसी मार्केट की दीवारें गिरते देख लोगों को लगा कि समय कैसे बदल जाता है। उन्होंने कहा कि जिस रौब के साथ दुकानें बनवाई थीं, आज उसी रौब की तरह उनकी पूरी इमारत मिट्टी में मिल गई। पांच घंटे तक चली कार्रवाई के बाद दोनों अवैध निर्माण पूरी तरह जमींदोज कर दिए गए।
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Updated on:
22 Nov 2025 04:58 pm
Published on:
22 Nov 2025 04:57 pm
