
बरेली। आंवला तहसील क्षेत्र में विधवा पेंशन योजना में हुए बड़े घोटाले की जांच अब पुलिस करेगी। डीएम अविनाश सिंह ने एसडीएम की रिपोर्ट को अधूरा मानते हुए इसे एसएसपी को भेज दिया है और एसआईटी गठित कर विस्तृत जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
मामला तब सामने आया जब पिछले साल 4 नवंबर को पुलिस ने 56 सुहागिन महिलाओं के विधवा पेंशन और दो अपात्रों के वृद्धावस्था पेंशन लेने का खुलासा किया था। जांच में सामने आया कि इन 58 लाभार्थियों के खातों में कुल 1.23 करोड़ रुपये पेंशन की विभिन्न किस्तों के रूप में भेजे गए। पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में शामिल चार बिचौलियों को गिरफ्तार भी किया था।
इसके बाद प्रशासन भी सक्रिय हुआ और एसडीएम आंवला को लंबित जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पांच महीने की जांच के बाद एसडीएम विदुषी सिंह ने पिछले सप्ताह डीएम को रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में कई तथ्य स्पष्ट न होने पर डीएम ने इसे पुलिस जांच के लिए भेज दिया। एसडीएम ने बताया कि पेंशन सत्यापनकर्ताओं के नाम पता नहीं चल सके। बीडीओ और जिला प्रोबेशन अधिकारी से पत्राचार के बावजूद सहयोग नहीं मिला। हालांकि जिन बिचौलियों ने सुहागिनों के पति के नाम से फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र तैयार करवाए, उनके नामों का खुलासा हुआ है।
डीएम अविनाश सिंह ने बताया कि कमिश्नर के निर्देश पर विधवा पेंशन घोटाले की एक अन्य जांच एसपी साउथ अंशिका वर्मा से करा चुके हैं। उसी क्रम में एसएसपी को पत्र भेजकर एसडीएम की रिपोर्ट पर एसआईटी गठित कर विस्तृत जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासनिक और पुलिस स्तर पर दोहरी जांच शुरू होने से इस बड़े पेंशन घोटाले में शामिल सभी जिम्मेदारों के सामने आने की उम्मीद बढ़ गई है।
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Published on:
21 Nov 2025 06:51 pm
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