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बाड़मेर-जैसलमेर के बीच पर्यटन सेतु बन रहा शिव, सूर्य मंदिर-सेंड ड्यून्स और सूफी संगीत संग सैलानी लेंगे आनंद

बाड़मेर का शिव कस्बा पर्यटन का नया केंद्र बन सकता है। सूर्य मंदिर, सेंड ड्यून्स, रामदेवरा धाम, ऐतिहासिक किला और स्थानीय व्यंजनों से सैलानियों को आकर्षित करता है। क्षेत्र पवन और सौर ऊर्जा का उभरता हब भी बन रहा है।

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Barmer-Jaisalmer

शिव कस्बा पर्यटन का नया केंद्र (फोटो- पत्रिका)

शिव (बाड़मेर): राष्ट्रीय राजमार्ग 68 पर बाड़मेर से 50 और जैसलमेर से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित शिव कस्बा दोनों जिलों का पर्यटन सेतु बन सकता है। जोधपुर से आने वाले पर्यटक फलसूंड होकर शिव पहुंच सकते हैं।


इसमें बोहरासर में पालीवालों के जमाने की बेरियां, देवका के भव्य और संभाग के दुर्लभ कलाकृतियों वाले सूर्य मंदिर, गूंगा के सेंड डयून्स पर सूर्यास्त का मनोहारी दृश्य व झांपली कलां में अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार सूफी व पारंपरिक लोक संगीत से पर्यटकों को रिझा सकते हैं।


बाबा रामदेव की जन्मस्थली अवतार धाम रामदेरिया में हर वर्ग भादवा व माघ मेले में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। बीसूकलां के विसोत माता मंदिर की भव्यता को निहारने, शिव के ऐतिहासिक बाबा गरीबनाथ मंदिर के दर्शन व झीलकाय मानसरोवर तालाब में नौकायन का लुत्फ उठाने से शायद ही कोई सैलानी चूकेगा।


कोटड़ा के रियासतकालीन किले के पास ही ऐेतिहासिक सरगला नामक कुआं पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर खींचने का माद्दा रखता है। यहां मिश्री से बनी बिना आटे की रोटी, सिंधण गायों का माखण तथा केर-सांगरी सरीखे पंचकूटे के व्यंजनों का स्वाद यहां दुबारा आने को विवश कर सकता है।


पवन व सौर ऊर्जा का हब है शिव क्षेत्र


क्षेत्र में पिछले चार-पांच वर्षों में पवन चक्कियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। यहां पूर्व में 17-18 पवन चक्कियां थी, जिसकी संख्या वर्तमान में तीन सौ से उपर पहुंच गई हैं। साथ ही सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट के तहत 7-8 प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा है।