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केवाईवी की नई ‘झंझट’, फास्टैग यूजर्स परेशान

नई दिल्ली. बार-बार केवाइसी करवाने के बाद अब वाहन मालिकों के लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है, केवाईवी यानी ‘अपने वाहन को जानें’। अब हर फास्टैग यूजर को अपनी गाड़ी की फोटो और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) अपलोड करनी होगी। हालांकि, सरकार का दावा है कि केवीवाइ से सिस्टम पारदर्शी होगा, लेकिन आम लोगों […]

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भारत

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ANUJ SHARMA

Oct 30, 2025

नई दिल्ली. बार-बार केवाइसी करवाने के बाद अब वाहन मालिकों के लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है, केवाईवी यानी 'अपने वाहन को जानें'। अब हर फास्टैग यूजर को अपनी गाड़ी की फोटो और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) अपलोड करनी होगी। हालांकि, सरकार का दावा है कि केवीवाइ से सिस्टम पारदर्शी होगा, लेकिन आम लोगों के लिए यह सिरदर्द बन गया है। कई वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रोक दिया गया क्योंकि उनका फास्टैग केवाइवी न करने के चलते बंद था। अपलोड प्रक्रिया में एरर आने, बार-बार फोटो खींचने, डॉक्युमेंट सबमिट करने और वेबसाइट के अटकने जैसी दिक्कतों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। लोगों की शिकायतों के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि केवाइसी न करने पर तुरंत फास्टैग डिएक्टिवेट न करें, पहले ग्राहकों को सूचित करें।

क्या है केवाइवी की प्रक्रिया

हर फास्टैग को उसके व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर (वीआरएन) और चेसिस नंबर से लिंक करना जरूरी है। इसके अलावा, यूजर को गाड़ी के आगे और साइड से फोटो लेकर आरसी के साथ अपलोड करनी होगी। बैंक या फास्टैग जारीकर्ता एजेंसी इसे वाहन डेटाबेस से मिलाकर वेरिफाई करेगी। बिना केवाईवी के फास्टैग अपने-आप डिएक्टिवेट हो जाएगा। केवाईवी एक बार की नहीं, बल्कि हर तीन साल में दोबारा करानी होगी ताकि डेटाबेस अपडेट रहे और फर्जीवाड़ा न हो सके।

कठिन और उलझी हुई प्रक्रिया

अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं कि प्रक्रिया कठिन और उलझी हुई है और इसे आसान बनाना जरूरी है। अब विचार किया जा रहा है कि सभी बैंकों के लिए एक समान प्रक्रिया और हेल्पलाइन शुरू की जाए ताकि यूजर को दिक्कत न हो।