
सीएसवीटीयू का बड़ा फैसला (photo source- Patrika)
CSVTU New Rules: अभी तक इंजीनियरिंग सहित तमाम निजी संस्था छात्र संख्या कम होने या फिर आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने की स्थिति में छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद से एफिलेशन नहीं लेकर खुद को जीरो ईयर घोषित कर लिया करते थे, लेकिन अब सीएसवीटीयू ने इन कॉलेज संचालकों पर नकेल कसने व्यवस्था बनाई है।
कार्यपरिषद की बैठक में फैसला लिया गया है कि यदि कोई कॉलेज उक्त वर्ष के लिए सीएसवीटीयू से एफीलेशन नहीं लेगा तो विवि आगे के सत्र में उसे नया संस्थान मानेगा। विवि से संबद्धता लेने पर उस कॉलेज को नए संस्थान की तर्ज पर सभी आर्हताएं पूर्ण करनी होगी। संबद्धता शुल्क भी नए कॉलेज के बराबर लिया जाएगा। विवि ने कह दिया है कि कॉलेज संचालन में दिक्कत आ रही है तो वे क्लोजर का आवेदन किया जा सकता है, ताकि उनमें पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स की व्यवस्था बनाई जा सके। बच्चे प्रभावित न हों।
पहले तक इंजीनियरिंग कॉलेज प्रोफेसरों को भर्ती करते और बिना विवि को सूचना दिए हटा दिया करते थे। अब विवि ने कहा है कि कोई भी कॉलेज अपने शिक्षक को विवि की मंजूरी के बिना नहीं हटा पाएगा। कार्यपरिषद से इस संबंध में अनुमति लेनी होगी।
CSVTU New Rules: अभी तक फार्मेसी कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति पीसीआई के नियम से हुआ करती थी, लेकिन अब सीएसवीटीयू ने पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने इनके शिक्षकों को एआईसीटीई के नियमों से भर्ती करने का फैसला लिया है। विवि ने अन्य विश्वविद्यालय से अध्यादेश का अवलोकन करने के बाद यह निर्णय लिया है, जिसमें अब फार्मेसी शिक्षक के लिए पीएचडी अनिवार्य होगी।
कोई भी संस्थान अब खुद को यूं ही जीरो ईयर घोषित नहीं कर पाएगा। इसके लिए जरूरी निर्णय कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए हैं। नए नियम बनाए गए हैं: डॉ. अंकित अरोरा, कुलसचिव, सीएसवीटीयू
Published on:
24 Nov 2025 07:33 pm
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