
Sun God moves out of Libra, weddings are in full swing till 15th
सूर्य के तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करने के साथ ही विवाह एवं अन्य मांगलिक कार्यों का दौर तेज हो गया है। ज्योतिष परंपरा के अनुसार सूर्य, बृहस्पति और शुक्र के शुभ होने पर वैवाहिक आयोजनों के लिए अनुकूल समय माना जाता है। इसी कारण नवंबर से 15 दिसंबर तक लगातार शुभ मुहूर्त चलेंगे। लेकिन उसके बाद विवाह-सहित सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।
पंडित अशोक व्यास ने बताया कि विवाह की सफलता और दंपती के सुखी जीवन के लिए शुभ तिथि तथा मुहूर्त अत्यंत आवश्यक माने गए हैं। सूर्य के वृश्चिक राशि में आने से शुभ प्रभाव बढ़ा है। इससे शादी-विवाह के अनुकूल योग बन रहे हैं। रवि-गुरु का संयोग सिद्धिदायक माना जाता है। वहीं ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति जीवनभर के वैवाहिक सुख का आधार मानी जाती है।
30 नवंबर से 6 दिसंबर तक विवाह के शुभ मुहूर्त मिलेंगे। इसके बाद सूर्य वृद्धावस्था में चले जाएंगे और 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करते ही खरमास शुरू हो जाएगा, जो 14 जनवरी 2026 तक रहेगा। इस अवधि में सभी शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। शुक्र उदय के बाद पुन: शुरुआत: 2 फरवरी से विवाह मुहूर्त फिर से प्रारंभ हो जाएंगे। नवंबर के मुहूर्त: 30 नवंबर. दिसंबर के मुहूर्त: 1, 4, 5 और 6 दिसंबर। विशेष अबूझ मुहूर्त: 23 जनवरी बसंत पंचमी को है।
देवउठनी एकादशी के बाद विवाह एवं मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। लेकिन 15 दिसंबर को पूर्व दिशा में शुक्र ग्रह के अस्त होने और वृद्धत्व दोष के कारण विवाह कार्यों पर रोक लग जाएगी। इसके बाद शुक्र उदय होने पर ही मुहूर्त पुन: शुरू होंगे।
Published on:
29 Nov 2025 09:31 am
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