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अब भोपाल में मिलेगा कश्मीर का मजा, बड़े तालाब में डल झील के शिकारे का शुभारंभ, जाने किराया

Shikaras Run At Bada Talab : बड़े तालाब में शिकारे का शुभारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक साथ बड़े तालाब में 20 शिकारों की सौगात दी है। आयोजन में नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समेत भाजपा कांग्रेस के कई दिग्गज शामिल हुए हैं।

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Shikaras Run Bada Talab

बड़े तालाब में डल झील के शिकारे का शुभारंभ (Photo Source- Patrika Input)

Shikaras Run At Bada Talab : कश्मीर की डल झील में चलने वाले शिकारे का मजा आज से मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मिलेगा। बड़े तालाब में अब डल झील में चलने वाले शिकारे तैरेंगे, जिसकी शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कर दी है। बड़े तालाब में एक साथ 20 शिकारे तैरते आएंगे। ऐसे में भोपालवासियों के साथ-साथ देश-विदेश के पर्यटक यहां कश्मीर की डल झील जैसा आनंद लेते नजर आएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आयोजन के मुख्य अतिथि हैं। जबकि, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, भाजपा प्रदेस अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल समेत भाजपा और कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए हैं। साथ ही, बड़ी संख्या में शहरवासी भी आयोजन का हिस्सा बने हैं।

अच्छे रेस्पांस की उम्मीद

भोपाल नगर निगम ने जून 2024 में ट्रायल के तौर पर एक शिकारा चलाया था, जिसके अच्छे परिणाम सामने आए थे। इसी के चलते बड़े तालाब में 20 शिकारे उतारे गए हैं। ये पहल ऐसे समय की गई है, जब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी की रोक के चलते पिछले करीब 10 महीने से क्रूज और मोटर बोट का संचालन बड़े तालाब में बंद है। फिलहाल, तालाब में सामान्य नावें ही चलाई जा रही हैं। ऐसे में इन शिकारों के चलने से अच्छा रिस्पांस मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

जानें किराया

बताया जा रहा है कि, शिकारा सेवा का संचालन सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक किया जाएगा। वहीं, प्रति यात्री किराया करीब 150 रुपए रखे जाने की संभावना है। हालांकि, अंतिम निर्णय कार्यक्रम संपन्न होने के बाद होना है।

दिलचस्प होगा शिकारे का सफर

शिकारा करीब 2.3 किलोमीटर का राउंड पूरा करेगा और तालाब के बीच स्थित शाह अली शाह टापू के करीब तक जाएगा, जिससे भोपाल के बड़ा तालाब में घूमने का नजारा भी बहुत दिलचस्प होगा। वैसे भी यहां वोट की सुविधा पहले चालू थी, लेकिन अब शिकारा की सुविधा भी पर्यटकों को मिलेगी।

शिकारा का मजा

शिकारा लकड़ी से बनी पारंपरिक नाव होती है, जो कश्मीर की डल झील की पहचान मानी जाती है। इन्हें खूबसूरती से सजाया जाता है और ये आमतौर पर 6 लोगों को बैठाने की क्षमता रखते हैं। चालक पीछे से इसे चलाता है, पर्यटक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए भोपाल में भी अब इसी तर्ज पर शिकारे शुरू किए गए हैं, क्योंकि बोट क्लब शहरवासियों और बाहरी पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है।