
विधायक निर्मला सप्रे
Nirmala sapre - एमपी के बीना की विधायक निर्मला सप्रे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। कांग्रेस की इस विधायक ने बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। इसपर प्रदेश के हाईकोर्ट में उनके खिलाफ दल-बदल कानून के तहत केस चल रहा है। इस मामले में कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए विधायक निर्मला सप्रे से जवाब मांगा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की याचिका पर हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को भी नोटिस जारी किया है। अब इस मामले में एक अन्य याचिकाकर्ता कांग्रेस नेता प्रदीप राय ने बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि निर्मला सप्रे की विधायकी जाना तय है। वे दलबदल विरोधी कानून की जद में आ चुकी हैं।
हाईकोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद बीना विधायक निर्मला सप्रे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके खिलाफ याचिका दायर करनेवाले कांग्रेस नेता प्रदीप राय ने सोमवार को प्रेस वार्ता बुलाकर कहा कि दल-बदल विरोधी कानून बहुत साफ है। किसी भी विधायक के अपनी मूल पार्टी छोड़कर दूसरे दल में जाने पर उसकी सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती है। ऐसे में विधायक निर्मला सप्रे अपने आप अयोग्य हो चुकी हैं।
कांग्रेस नेता प्रदीप राय ने कहा कि दल बदल कानून को लेकर पहले इंदौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। फिर बीना के कांग्रेस कार्यकर्ता के तौर पर मैंने और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में मैं इस लड़ाई में शामिल हूं। मेरा स्पष्ट मत है कि बीना विधायक निर्मला सप्रे दल-बदल कानून की जद में आ चुकी हैं।
याचिकाकर्ता प्रदीप राय ने सार्वजनिक सभा में भरे मंच पर निर्मला सप्रे द्वारा बीजेपी ज्वाइन करने और गमछा ओढ़ने को जनता के साथ धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि सप्रे ने भाजपा का खुलेआम प्रचार भी किया लेकिन विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया। ये लोकतंत्र का सरासर अपमान है।
प्रेस वार्ता में प्रदीप राय ने विधायक निर्मला सप्रे से पूछा कि यदि आपने बीजेपी ज्वाइन नहीं की तो राहतगढ़ में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का दुपट्टा क्यों ओढ़ा? भाजपा के समर्थन में प्रचार क्यों किया? प्रदीप राय ने कहा कि बीना के वोटर्स जल्द ही नया विधायक चुनेंगे। मिशन 2026 में कांग्रेस कार्यकर्ता मतदाताओं के बीच जाएंगे।
Published on:
10 Nov 2025 09:22 pm
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