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जब पहली बार यहां गूंजा था ‘मध्यप्रदेश’, 69 वर्षों बाद वहीं दिखी ‘विरासत से विकास’ की कहानी

MP Foundation Day: एक वो दिन था जब 1 नवंबर 1956 को 'मध्यप्रदेश' का जन्म हुआ और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में जनता के नाम पहला उद्बोधन दिया था। उसी लाल परेड ग्राउंड में मध्यप्रदेश अपना 70वां स्थापना दिवस मना रहा है।

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MP Foundation Day

MP Foundation Day जब पहली बार यहां गूंजा था 'मध्यप्रदेश', 69 वर्षों बाद वहीं दिखी 'विरासत से विकास' की कहानी (फोटो सोर्स : पत्रिका)

MP Foundation Day: साल 1956 में 'देश का दिल' कहे जाने वाला अपना मध्यप्रदेश अस्तित्व में आया। अपनी स्थापना के 69 वर्षों में मध्यप्रदेश के ललाट पर कई रत्न जड़े। अब अपना प्रदेश 70वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। पूरा प्रदेश 70वें स्थापना दिवस की खुशियां मना रहा है। एक वो दिन था जब 1 नवंबर 1956 को 'मध्यप्रदेश' का जन्म हुआ और प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में जनता के नाम पहला उद्बोधन दिया था। उसी लाल परेड ग्राउंड में मध्यप्रदेश अपना 70वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1 नवंबर की शाम 2000 ड्रोन ने आसमान में ’विरासत से विकास’की कहानी उकेरी। मैदान का भव्य मंच, जगमगाती रोशनी और सतरंगी आतिशबाजी प्रदेश की अपनी उन्नति, समृद्धता, विकास, प्रतिबद्धता, विविधता और प्रगति को दिखा रही थी।

2000 ड्रोन शो ने जीता सबका दिल

शनिवार को 2000 ड्रोन ने मध्यप्रदेश के विकास की कहानी दिखाई। ड्रोन शो ने बताया कि 69 सालों में प्रदेश की विरासत, संस्कृति और विकास का सफर कितना हाईटेक हुआ। मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित 2000 ड्रोन के शो ने सबका ध्यान खींचा।

12 आकृतियां....

आसमान में मध्यप्रदेश के मानचित्र से शुरू हुई इस प्रस्तुति में प्राचीन विरासत, स्थापत्य कला, सांस्कृतिक विविधता, स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की ओर बढ़ते कदमों को 12 आकृतियों में दर्शाया गया।

70वें स्थापना दिवस पर संस्कृति की न भूलने वाली झलक

प्रदेश के 70वें स्थापना दिवस पर शनिवार रात लाल परेड ग्राउंड श्रीकृष्ण के रंगों में रंगा रहा। कलाकारों ने गीत-संगीत और नृत्य से भगवान श्रीकृष्ण की जीवन यात्रा को मंच पर दिखाया। गीतों में जहां संसार के पालनकर्ता वासुदेव की झलक दिखी, वहीं भक्ति संगीत में जीवन का सार बताते श्रीकृष्ण नजर आए।

युगों-युगों से प्रवाहित हो रही श्रीकृष्ण की करुणा, स्नेह और आत्मज्ञान की अमर गाथा का विराट मंचन कर 350 से अधिक गायक-गायिकाओं ने खूब समां बांधा। लोगों ने कभी न भूलने वाली संस्कृति की झलक देखी।

जब पहली बार लाल परेड ग्राउंड में गूंजा था 'मध्यप्रदेश'

ये तस्वीर 1 नवंबर 1956 की सुबह भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पं. रविशंकर शुक्ल ने जनता के नाम अपना पहला उद्बोधन दिया था। उनके उद्बोधन में गूंजा था 'मध्यप्रदेश' का नाम। ये गूंज वहां मौजूद लोगों के सीने में उत्साह की बिजली बनकर दौड़ रही थी। यही लाल परेड ग्राउंड 69 सालों से लगातार प्रदेश का सौर्य, विरासत, सांस्कृतिक विविधता, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का सफर बयां कर रहा है।