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IAS अफसर के ‘ब्राह्रण बेटी चाहिए’ वाले बयान से मचा बवाल, अब करणी सेना अध्यक्ष ने दिया भड़काऊ बयान

MP News: वरिष्ठ IAS अधिकारी और नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा ने ब्राह्मण बेटियों पर बयान दिया था। जिसकी जमकर आलोचना हो रही है।

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MP News: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अजाक्स प्रांतीय अधिवेशन में वरिष्ठ IAS अधिकारी और नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा के द्वारा दिए गए बयान ने तूल पकड़ लिया है। इस विवाद में करणी सेना की एंट्री भी हो गई है। क्षत्रिय करणी सेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र सिंह राणा ने भड़काऊ बयान दिया है। इधर, रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने अफसर के प्रमोशन पर कई सवाल खड़े किए हैं।

करणी सेना अध्यक्ष बोला- चारों टायर चढ़ा दो

क्षत्रिय करणी सेना के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष ओकेंद्र राणा ने IAS संतोष वर्मा के खिलाफ फेसबुक पर विवादित पोस्ट की है। जिसमें ओकेंद्र राणा ने लिखा कि यह जहां भी मिले, इस पर गाड़ी के चारों टायर चढ़ा दो। कुचलकर आमलेट बना दो इसकी। हालांकि, अब ओकेंद्र राणा ने अपने फेसबुक से ये पोस्ट डिलीट कर दी है।

क्या था आईएएस संतोष वर्मा का बयान

भोपाल में अजाक्स प्रांतीय अधिवेशन में वरिष्ठ IAS अधिकारी और नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष संतोष वर्मा ने बयान दिया था कि जब तक मेरे बेटे को कोई ब्राह्मण अपनी बेटी दान नहीं देता या उससे संबंध नहीं बनता, तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए।

रीवा सांसद ने लिखा पत्र

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि आईएएस संतोष वर्मा पहले अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के अधिकारी थे, लेकिन आईएएस में चयन होने के लिए स्वयं को एसटी वर्ग में बताकर प्रमोशन ले लिया। इसकी जांच होनी चाहिए।

IAS वर्मा का प्रमोशन कैसे हुआ?

सांसद जनार्दन मिश्रा ने आगे लिखा कि महिला से मारपीट और अभद्र भाषा प्रयोग का केस न्यायालय में लंबित था। इस केस में कोर्ट में फर्जी राजीनामा देने पर वर्ष 2021 में संतोष वर्मा की गिरफ्तारी हुई थी और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा जेल में भेजा गया था। यह मामला अभी भी विचाराधीन है। इसके बावजूद उनकी आईएएस में पदोन्नति कर दी गई।

ये तीन मांगे

संतोष वर्मा व्दारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के फलस्वरूप अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के तहत इनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए।

अनुसूचित जाति वर्ग के वजाय अनुसूचित जनजाति वर्ग के माध्यम से इनके पदोन्नति की जांच कराई जाय।

गंभीर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने तथा न्यायालय को गुमराह करने के संबंधित तथ्यों के बावजूद संतोष वर्मा का राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में की गई पदोन्नति की पुनः जांच कराकर इन्हें पदावनत किया जाए।

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