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एमपी में विभाग की ‘मंत्री’ को नहीं पता कितने ‘बाल विवाह’ हो रहे? सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

MP News: मध्यप्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए करोड़ों रूपए खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद मामलों में कमी नहीं आई है।

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एआई जनरेटेड फोटो

MP News: मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विभाग में हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ताकि बाल विवाह रोका जा सके, मगर बावजूद इसके बाल विवाह के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसको लेकर पूर्व मंत्री एवं राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह द्वारा विधानसभा में उठाए गए प्रश्न के चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।

दरअसल, साल 2020 से 2025 के बीच 2916 बाल विवाह हुए हैं। जिसकी जानकारी महिला एवं बाल विभाग की मंत्री निर्मला भूरिया को नहीं है। जो कि कुछ इस प्रकार हैं-

  • साल 2020 में 366
  • साल 2021 में 436
  • साल 2022 में 519
  • साल 2023 में 528
  • साल 2024 में 529
  • साल 2025 में 538

बाल विवाह में लगातार वृद्धि

जयवर्धन सिंह ने कहा का इन सभी प्रयासों के बावजूद अगर बाल विवाह में बढ़ोत्तरी के आंकड़े सामने आ रहे हैं, तो यह इस सरकार की नाकामी और योजनाओं की विफलता को उजागर करता है। सिंह ने स्पष्ट कहा कि यदि सरकार केवल कागज़ों पर योजनाएं चलाकर वास्तविक जमीनी कार्रवाई नहीं करेगी, तो नाबालिग बेटियों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकेगा।

सरकार की नाकामी

आगे जयवर्धन सिंह ने बताया कि जब इतने कड़े कानून और प्रावधान मौजूद हैं, तब भी बाल विवाह के मामलों का बढ़ना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। उन्होंने मांग की कि सरकार कागज़ी कार्यवाही से बाहर निकलकर ज़मीनी स्तर पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करे और नाबालिग बेटियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए।