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रैगिंग ने किया बदनाम, देशभर में एमपी तीसरे पायदान पर, UGC रिपोर्ट ने खोली पोल

MP News: रैगिंग के मामले भोपाल, रतलाम समेत प्रदेश के कई तकनीकी कॉलेजों से आ रहे हैं। कई बार विद्यार्थियों के आगे आने पर रैगिंग सामने आती है। कई बार कॉलेजों में ही दबा दिया जाता है, लेकिन यूजीसी हेल्पलाइन के आंकड़ों ने स्थिति बयां कर दी है...

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Ragging cases in India MP in Top 3 States Shocking

Ragging cases in India MP in Top 3 States Shocking

MP News: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के आइईटी कॉलेज में 24 सितंबर को सीनियर्स ने जूनियरों को रेस्तरां में बुलाया। फंडे समझाए… धमकी दी, शिकायत की तो खैर नहीं…। 29 अगस्त को ही इसी कॉलेज में फस्र्ट ईयर स्टूडेंट का मुंह टॉयलेट पॉट में रख सीनियर्स ने फ्लश चलाया… रैगिंग के मामले भोपाल, रतलाम समेत प्रदेश के कई तकनीकी कॉलेजों से आ रहे हैं। कई बार विद्यार्थियों के आगे आने पर रैगिंग सामने आती है। कई बार कॉलेजों में ही दबा दिया जाता है, लेकिन यूजीसी हेल्पलाइन के आंकड़ों ने स्थिति बयां कर दी है।

रैगिंग के मामलों में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। राष्ट्रीय एंटीरैगिंग हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतों के मुताबिक सितंबर तक देश से 510 शिकायतें दर्ज हुईं। इनमें 140 शिकायतों के साथ उत्तरप्रदेश पहले नंबर पर है। 84 शिकायतों के साथ बिहार दूसरे और 82 शिकायतों के साथ मध्यप्रदेश तीसरे नंबर पर है। मप्र में 13 शिकायतें अकेले सितंबर में ही आईं हैं।

Top State in ragging cases

सितंबर में मप्र में दर्ज प्रमुख घटनाएं

- 1 सितंबर: खुशीलाल शर्मा आयुर्वेद कॉलेज, भोपाल में जूनियर से दूसरी बार मारपीट।

- 3 सितंबर: एम्स भोपाल में जूनियर छात्र से दुर्व्यवहार।

- 3 सितंबर: जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में झगड़ा।

- 4 सितंबर: जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग में विवाद।

- 5 सितंबर: राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विवि में सीनियर छात्राओं ने किया दुर्व्यवहार।

- 8 सितंबर: जीवाजी विवि ग्वालियर में जूनियर से रैगिंग।

- 8 सितंबर: पीपुल्स मेडिकल यूनिवर्सिटी भोपाल में जूनियर से दुर्व्यवहार किय गया।

- 9 सितंबर: एनएलआइयू भोपाल में जूनियर को मेंडोरा ले जाकर पीटा।

- 9 सितंबर: श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी जबलपुर में जूनियर से विवाद।

- 10 सितंबर: आरजीपीवी भोपाल, छात्रों से दुर्व्यवहार।

- 11 सितंबर: केंद्रीय विवि सागर में छात्रों से मारपीट।

- 15-16 सितंबर: आरजीपीवी में दो बार नकाबपोश सीनियरों ने जूनियर से मारपीट की।

कागजों में ही सख्ती

राज्य सरकार और विवि प्रशासन ने एंटी-रैगिंग कमेटी व हेल्पलाइन जैसी व्यवस्थाएं बना रखी हैं। इसके बाद भी शिकायतों से साफ है कि जमीन पर सब ठीक नहीं। विशेषज्ञों का कहना है, कॉलेजों में कागज पर सब पुता है, लेकिन हकीकत में जूनियर-सीनियर की निगरानी की व्यवस्था लचर है।