
IMD Alert in MP: भारी बारिश का अलर्ट, IMD ने जारी की चेतावनी, भोपाल, इंदौर समेत, 11 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी। किसानों और लोगों से सतर्क रहने की अपील।
IMD Alert in MP: मध्य प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। प्रदेश के ऊपर एक साथ तीन वेदर सिस्टम एक्टिव हैं और इसके साथ ही अरब सागर में बना चक्रवात 'मोंथा' (Cyclone Montha) भी अपना असर दिखाने लगा है। इसका सीधा प्रभाव अब मध्य प्रदेश के 11 जिलों पर पड़ रहा है, जहां मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक एमपी के ऊपर वर्तमान में एक साथ तीन वेदर सिस्टम एक्टिव हैं। वहीं मोंथा का असर भी दिखेगा। IMD ने बताया आखिर क्यों बदला एमपी का मौसम, जानें तीन कारण...
1- अरब सागर से नमी खींचने वाला लो-प्रेशर एरिया गुजरात और दक्षिण-पश्चिम एमपी की ओर बढ़ रहा है।
2️- पूर्वी हवाओं का एक्टिव ज़ोन छत्तीसगढ़ और विदर्भ से होकर रीवा, जबलपुर और सागर संभाग तक पहुंच गया है।
3- वहीं उत्तर भारत के ऊपर बना वेस्टर्न डिस्टर्बेंस इस पूरे सिस्टम को ताकत दे रहा है।
इन तीनों सिस्टम के एक साथ सक्रिय होने से मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश, तो कहीं बिजली गिरने और कहीं गरज-चमक के साथ हवा के तेज झोंके चलने की संभावना है।
IMD ने जिन 11 जिलों में भारी बारिश का रेड और ऑरेंज अलर्ट (IMD Alert) जारी किया है, उनमें ये जिले हैं शामिल-
छिंदवाड़ा, बैतूल, होशंगाबाद, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खलघाट, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर और झाबुआ। इन जिलों में अगले 24 घंटे में 100 मिमी तक बारिश हो सकती है। वहीं भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सीहोर और रायसेन में भी मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।
चक्रवात 'मोंथा' फिलहाल अरब सागर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में सक्रिय है, जो धीरे-धीरे गुजरात तट की ओर बढ़ रहा है। इससे अरब सागर में तेज हवाएं और ऊंची लहरें उठ रही हैं। इसके चलते एमपी के पश्चिमी और दक्षिणी जिलों में नमी और बारिश दोनों की तीव्रता बढ़ी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगर मोंथा का रुख पूर्व की ओर मुड़ा, तो आने वाले 48 घंटें एमपी पर भारी पड़ सकते हैं। इस दौरान इंदौर, उज्जैन, भोपाल और सागर संभाग भी भारी बारिश की चपेट में आ सकते हैं।
मौसम विभाग (IMD Alert) ने किसानों को कटाई और फसल भंडारण में देरी करने, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को बिजली के खंभों, पेड़ों और निचले इलाकों से दूर रहने की चेतावनी दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी कहा है कि नदियों-नालों के किनारे न जाएं, क्योंकि पानी का स्तर अचानक बढ़ सकता है।
इस वेदर सिस्टम (MP Weather) के चलते नवंबर की ठंड में 10-12 दिन की देरी हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश खत्म होने के बाद ही तापमान में गिरावट शुरू होगी।
Updated on:
29 Oct 2025 04:31 pm
Published on:
29 Oct 2025 09:58 am
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