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एमपी समेेत 12 प्रदेशों में वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने तैयार रखें कागज, आपके घर आएंगे अधिकारी

New Voter List: मतदाता सूची में आपका नाम छूट न जाए, इसके लिए जरूरी कागजात तैयार रखें। बिहार के बाद चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ सहित देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में आज से मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण...

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Gyanesh kumar

एसआइआर का उदेश्य है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटने न पाए और न ही कोई अयोग्य मतदाता शामिल हो पाए। सभी राज्यों की मतदाता सूची को पारदर्शी बनाना लक्ष्य है। -ज्ञानेश कुमार, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, केंद्रीय चुनाव आयोग।

New Voter List: जागरूक रहें, सक्रिय रहें…मतदाता सूची में आपका नाम छूट न जाए, इसके लिए जरूरी कागजात तैयार रखें। बिहार के बाद चुनाव आयोग ने दूसरे चरण में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ सहित देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में मंगलवार से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) का ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस वार्ता में यह ऐलान किया। संबंधित राज्यों की मौजूदा वोटर लिस्ट फ्रीज हो गई है।

एसआइआर प्रक्रिया शुरू

मंगलवार से ट्रेनिंग के साथ एसआइआर प्रक्रिया शुरू होकर सात फरवरी को खत्म होगी। 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर फॉर्म भरवाने के साथ सत्यापन करेंगे। सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची जारी होगी। बीएलओ घर-घर जाकर जो एन्यूमरेशन फॉर्म देंगे, इसमें मतदाता की हर डिटेल पहले से भरी होगी और फोटो लगानी होगी। इन राज्यों में 21 साल बाद एसआइआर की प्रक्रिया की जा रही है। इससे पहले 2002 से 2004 में एसआइआर किया गया था। इसलिए इस बार होने वाली पूरी प्रक्रिया में 2003 की वोटर लिस्ट को आधार बनाया जाएगा। एसआइआर प्रक्रिया में चुनाव आयोग के वालंटियर्स सहयोग करेंगे। बीएलओ कम से कम तीन बार हर मतदाता के घर जाएंगे।

एसआइआर की जरूरत क्यों?

राजनीतिक दल मतदाता सूचियों पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। फर्जी, मृत या उस स्थान पर नहीं रहने वाले लोग मतदाता बने हुए हैं। जो देश के नागरिक नहीं वह भी मतदाता बने हुए हैं। एक से अधिक जगहों पर पंजीकरण, मृत मतदाताओं और घुसपैठियों के नाम हटाने के लिए एसआइआर जरूरी है।

इससे पहले एसआइआर कब?

आखिरी बार एसआइआर 21 साल पहले 2002-04 के बीच हुई थी। 1951 से 2004 के बीच कुल आठ बार एसआइआर की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है।

ये दस्तावेज होंगे मान्य

-केंद्र या राज्य सरकार से जारी पेंशन का कागज

-सरकारी या स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी से जारी सर्टिफिकेट

-जन्म प्रमाणपत्र

-पासपोर्ट

-शैक्षिक प्रमाणपत्र

-स्थायी निवास प्रमाणपत्र

-वन अधिकार प्रमाणपत्र

-जाति प्रमाण पत्र

-एनआरसी राज्य या स्थानीय निकाय का परिवार

- रजिस्टर जमीन या आवास आवंटन सर्टिफिकेट आधार

एक्सप्लेन: सबको भरना होगा एन्यूमरेशन फॉर्म

Q. कैसे होगी पूरी प्रक्रिया?

बीएलओ घर-घर जाकर गणना (एन्यूमरेशन) फॉर्म उपलब्ध कराएंगे। 2002-04 के एसआइआर सूची से आपका या आपके घरवालों के नाम को मैच करेंगे। पुराने एसआइआर का ऑल इंडिया डेटा आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगा।

Q. क्या एन्यूमरेशन फॉर्म सबको भरना होगा?

जी हां, हर नागरिक को एन्यूमरेशन फॉर्म भरना होगा भले ही आपका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में हो। इसी फॉर्म के आधार पर आपका नाम नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में होगा। आपने यह फॉर्म नहीं भरा तो माना जाएगा कि आप वहां नहीं रहते।

Q. फॉर्म भरते समय दस्तावेज देना होगा?

एन्यूमरेशन फॉर्म के साथ कोई दस्तावेज नहीं लगेगा। सभी पात्र मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में डाले जाएंगे। पुरानी एसआइआर से मैच नहीं करने वाले आवेदकों को नोटिस जारी होगा। ड्राफ्ट सूची में जिनके नाम शामिल नहीं हुए उन्हें 12 निर्धारित दस्तावेज में से एक से अपनी नागरिकता साबित कर नाम दर्ज करवाना होगा। अनुपस्थिति, मृतक, डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम सीईओ की वेबसाइट पर उजागर किए जाएंगे।

Q. जिनके नाम कटे वह क्या करेंगे?

जिन मतदाताओं के नाम कटेंगे वह नागरिकता साबित करेंगे और आपत्तियां व अपील कर सकेंगे। सुनवाई के बाद नाम हटाए या जोड़े जाएंगे।

Q. यदि मेरा या माता-पिता का नाम वोटर लिस्ट में है तो?

अगर आपका या आपके माता-पिता का नाम पिछले एसआइआर यानी 2003 की वोटर लिस्ट में है तो, आपको दस्तावेज नहीं देने होंगे।

Q. नए मतदाता बनने या जगह बदलने पर क्या होगा?

नए मतदाता बनने के लिए हमेशा की तरह फार्म 6 भरना होगा जिसे बीएलओ कलेक्ट करेंगे। अगर मतदाता ऑनलाइन फॉर्म भरेंगे तो बीएलओ घर जाकर सत्यापन करेंगे घोषणा के लिए फॉर्म 7 और संशोधन या पता बदलने पर फॉर्म 8 भरना होगा।

असम में अभी एसआइआर नहीं

चुनावी राज्य असम में अभी एसआइआर नहीं होगी। इस बारे में सवाल पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि असम के लिए नागरिकता नियम देश के दूसरे हिस्सों से अलग हैं। असम के लिए अलग से रिवीजन ऑर्डर्स जारी किए जाएंगे और अलग तारीख की घोषणा की जाएगी।

कहां-कब होंगे चुनाव

2026- बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, पुदुचेरी

2027- उत्तरप्रदेश, गोवा गुजरात

2028- मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान