
प्रतिकात्मक फोटो (Photo Source - Social Media)
AQI level:एमपी के भोपाल शहर की हवा में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स तीन सौ से पार हो गया है। यानी हर व्यक्ति इन दिनों 15 से बीस सिगरेट के प्रदूषण के बीच सांस ले रहा है। इसका सीधा असर सेहत पर पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पीड़ितों में बच्चे और बुजुर्ग की संख्या अधिक है। सर्दी बढऩे के साथ हवा की गुणवत्ता में गिरावट आयी है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक टीटी नगर क्षेत्र की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब है। सोमवार को यहां एक्यूआइ 337 दर्ज हुआ। कलेक्ट्रेट में यह स्तर 321 और पर्यावरण परिसर यानी अरेरा कॉलोनी क्षेत्र में स्तर 306 रिकॉर्ड हुआ। अधिकारियों के मुताबिक इन सभी का प्रमुख कारण पीएम 2.5 की अधिकता मुख्य कारण है।
हवा में कार्बन मोनोआक्साइट की मात्रा अधिक पाई गई है। वाहनों के धुंए और खुले में आग जलाने के कारण इसका स्तर बढ़ता है। दूसरा कारण अलाव और तंदूर की भट्टियों व पराली जलाने को भी बताया जा रहा है।
सांस के मरीज: अस्थमा और फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों के लिए सबसे ज्यादा खतरा है। उन्हें सांस लेने में गंभीर तकलीफ हो सकती है।
बच्चे और बुजुर्ग: इन्हें भी एलर्जी, खांसी और संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
सामान्य लोग: आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें आम हैं।
सर्दी में हवा के खराब होते स्तर के बाद पीसीबी ने एडवाइजरी दी है। अधिकारियों के मुताबिक मास्क लगाएं बेहतर होगा। बच्चों और बुजुर्गो को बचाने की जरूरत हैं। साथ ही खुले में कचरा न जलाने और सड़क पर पानी का छिड़काव की अपील भी की है।
शहर में तीन स्थानों पर हवा की गुणवत्ता की जांच हो रही है। यहां एक्यूआइ 300 से पार हो गया है। यह हवा का अति खराब स्तर है। सेहत पर असर न हो इसके लिए पहले ही एडवाइजरी जारी हुई है। लोगों से जागरूकता की अपील है। ब्रजेश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
Published on:
25 Nov 2025 11:33 am
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