
रोहिणी घावरी ने सांसद चंद्रशेखर के ब्राह्मण वकील करने पर तंज कसा। PC- Rohini Ghaveri X Handle
बिजनौर : नगीना से सांसद चंद्रशेखर पर रोहिणी घावरी ने एक बार फिर से हमला बोला है। रोहिणी घावरी ने इस बार एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि जिन ब्राह्मणों को यह चंद्रशेखर दिन रात गाली देता है, अब उनसे ही मदद मांग रहा है। क्या इसे कोई और नहीं मिला? क्या कोई दलित वकील नहीं था? जो चंद्रशेखर का केस लड़ता या चंद्रशेखर को दलितों पर भरोसा नहीं है? जो ब्राह्मणों को अपना केस लड़ने के लिए हायर किया है।
चंद्रशेखर ने अपने मुकदमे लड़ने के लिए चुने ब्राह्मण वकील केके शर्मा और सुशील शुक्ला। ब्राह्मण ही इसको बचाएंगे जिनको खूब गालियां देता है दुनिया के सामने। लेकिन पूरे बहुजन समाज को मनुवाद के खिलाफ लड़ने की नौटंकी दिखा रहा है खूब वाहवाही लूट रहा है। क्या इसको दलित वर्ग का कोई वकील नहीं मिला?
दलितों की राजनीति करने वाले को दलित वकीलों पर भरोसा नहीं है; इसके सभी मुकदमे ब्राह्मण वकील लड़ते हैं। मुझ पर दबाव बनाने के लिए बार-बार अपने ब्राह्मण वकील द्वारा नोटिस भिजवाता है। शबीरपुर कांड के मुकदमे में इसके ब्राह्मण वकील का नाम सुशील शुक्ला है। बहुजन समाज को दिखावे की लड़ाई लड़कर कैसे मूर्ख बनाया जाता है, यह मैं सिर्फ इसलिए दिखा रही हूं। इसको ब्राह्मण ही बचा सकते हैं, दलित नहीं?
डॉ. रोहिणी घावरी (उम्र करीब 30 वर्ष) मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली हैं और वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। वे स्विट्जरलैंड में पीएचडी कर रही हैं और जनपावर वेलफेयर फाउंडेशन की फाउंडर हैं, जो दलित उत्थान पर काम करती है। 2019 में मध्य प्रदेश सरकार से 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप पाने वाली रोहिणी ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में 'जय श्री राम' के उद्घोष के साथ भारत का प्रतिनिधित्व कर सुर्खियां बटोरीं।
उनके अनुसार, 2020 में चंद्रशेखर आजाद से मुलाकात हुई, जो 2021 में रिश्ते में बदल गई। NCW को दी शिकायत में रोहिणी ने कहा: चंद्रशेखर ने शादी का झांसा देकर भावनात्मक और शारीरिक शोषण किया, अपनी शादीशुदा स्थिति छिपाई, राजनीतिक अभियानों में उनका इस्तेमाल किया। 2024 चुनाव जीतने के बाद उन्होंने 'कॉन्ट्रैक्ट मैरिज' का प्रस्ताव रखा, जिसका विरोध करने पर निजी तस्वीरें-वीडियो लीक करने की धमकी दी। रोहिणी ने दावा किया कि इस कारण वे अवसाद में चली गईं और दो बार सुसाइड की कोशिश की। उन्होंने दिल्ली पुलिस, NCW, पीएमओ और गृह मंत्रालय को पत्र लिखे हैं।
Published on:
19 Nov 2025 03:48 pm
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